बलिया: प्रवासी मजदूर हजारों की संख्या में प्रतिदिन ट्रेन से जिले में पहुंच रहे है. सभी को अगल-अलग जिलों में जाना है. कई यात्रियों को बिहार के विभिन्न जिलों में जाना है.
राजकोट से आई प्रवासी मजदूर. प्रवासी मजदूर पहुंचे बलिया
यूपी के सोनभद्र जिले से बलिया प्रवासी मजदूर पहुंचे हैं. सभी राजकोट में स्टील फैक्ट्री में मजदूरी करते थे. राजकोट से बलिया आने के बाद सभी एक साथ सोनभद्र जाने वाली बस का इंतजार कर रहे हैं. जहां बलिया जिला प्रशासन ने लिट्टी और पानी की बोतलें इन मजदूरों को दीं.
प्रवासी मजदूरों को रोडवेज बसों से घर पहुंचाया जा रहा है. हजारों किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद बलिया स्टेशन परिसर के बाहर ये लोग खाना खाने के लिए बैठ गए. प्रवासी मजदूर सूरज ने कहा कि आठ से दस हजार रुपये में अब कुछ नहीं होगा. घर चलाने की जिम्मेदारी लेकर हम लोग गुजरात गए थे, लेकिन कोरोना महामारी ने हम लोगों को वापस घर पहुंचा दिया. सूरज ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में ही रोजगार करेंगे. दो पैसे कम आएंगे, लेकिन घर और प्रदेश छोड़कर नहीं जाएंगे.
बलिया में प्रवासी मजदूरों को लेकर पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुजरात के राजकोट शहर से 6 मई को आयी थी. इसके बाद अब तक कई ट्रेन राजकोट, अलवर, जामनगर, तेलंगाना आदि शहरों से आ चुके है. जालौन की सुनीता देवी भी राजकोट से अपने दो बच्चों के साथ बलिया पहुंची. सुनीता बताती हैं कि लॉकडाउन से पहले उनका पति किसी काम के वजह से जालौन आया था, लेकिन उसके बाद वापस नहीं पहुंच सका. ऐसी स्थिति में इन दो महीनों से छोटे-छोटे बच्चों की भूख को मिटाने के लिए राजकोट में वो काफी परेशानी हुईं. सुनीता ने बताया कि प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली. अब वो ट्रेन से बलिया आ गई हैं और यहां से अपने घर जालौन जाएंगी.