बलिया: कोरोना काल में एक समय पीपीई किट की कमी पुरे देश में हुई थी. दूसरे देश से ये किट मंगाए जा रहे थे. उस दौरान बलिया में खालसा बैग हाउस ने इसकी उपलब्धता करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन से ली. भारत सरकार के मानक को पूरा करते हुए नो प्रॉफिट नो लॉस की तर्ज पर इसका निर्माण कार्य आरम्भ हुआ था. जिसे बाद में भारत सरकार की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया.
लैब से इसकी गुणवत्ता को लेकर यूनीक सर्टिफिकेट कोड दिया गया. इसकी जानकारी कोरोना के नोडल अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने दी. बलिया में बनी पीपीई किट को अब भारत सरकार की मंजूरी मिल गई है. यहां की बनी किट अन्य जिलों और राज्यों में भी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी. बलिया जैसे जिले के लिए ये उपलब्धि काफी बड़ी है. कोरोना के नोडल और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के लैब से इसके टेस्ट में सफल होने को लेकर मेल से सूचना प्राप्त हुई है.
बेंगलुरु से मंगाया एंटीबैक्टीरियल किट
बलिया की छोटी सी फर्म खालसा बैग हाउस के प्रोपराइटर सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने इस पीपीई किट का निर्माण कराया. इसके लिए बेंगलुरु से लेकर नोएडा तक की दूरी भी इन्होंने तय की. इसमें प्रयोग होने वाले एंटीबैक्टीरियल किट को बेंगलुरु से मंगाया गया. नोएडा और एनसीआर में जाकर किट की कमियों का भी अध्ययन किया, जिसके बाद जिला स्तर पर एक कारगार किट आसानी से उपलब्ध हो पा रहा है.
600 रुपये में उपलब्ध है पीपीई किट
पूर्वांचल के पिछड़े जिलों में शुमार बलिया में पीपीई किट स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने से प्रशासन को बड़ा फायदा हुआ है. नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर आधे खर्च में पीपीई किट कोरोना योद्धाओं को उपलब्ध हो रही हैं. दूसरे जनपद और महानगरों में जिस पीपीई किट की कीमत 1200 में है, बलिया में वहीं किट 600 रुपये में उपलब्ध हो पाया.
महामारी के समय में पूर्वांचल के साथ यूपी के अन्य जिलों के लिए सस्ते दाम पर पीपीई किट उपलब्ध कराने के लिए बलिया जिला प्रशासन ने खालसा बैग हाउस के प्रोपराइटर सुरेंद्र छाबड़ा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.