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बलिया: रागिनी हत्याकांड में चार दोषियों को हुई उम्रकैद की सजा

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चर्चित रागिनी हत्याकांड में अपर सत्र और विशेष न्यायाधीश चंद्रभानु सिंह की अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं. उम्रकैद के साथ ही इन चारों के ऊपर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

रागिनी हत्याकांड पर जिला न्यायालय बलिया ने सुनाया फैसला

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Published : Sep 20, 2019, 11:53 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: जिले का रागिनी दुबे हत्याकांड पूरे उत्तर प्रदेश में सन 2017 में चर्चा का विषय बना हुआ था. 12वीं की छात्रा को स्कूल जाते समय छेड़खानी करने वाले अभियुक्तों ने दिनदहाड़े चाकू से गला काटकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. शुक्रवार को कोर्ट ने रागिनी हत्याकांड मामले में चार लोगों पर आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये अर्थदंड का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने अपने आदेश में जुर्माने की आधी रकम मृतका के पिता को देने का भी आदेश किया है.

रागिनी हत्याकांड में चार दोषियों को हुई उम्रकैद की सजा.

रागिनी दुबे हत्याकांड के आरोपियों को मिली सजा -

  • जनपद में 12वीं की छात्रा रागिनी दुबे की 8 अगस्त 2017 में स्कूल जाते समय छेड़खानी करने वाले अभियुक्तों ने दिनदहाड़े चाकू से गला काटकर हत्या कर दी थी.
  • कोर्ट ने 2 साल बाद चार आरोपियों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.
  • न्यायालय के फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने कहा कि अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति पहुंची है.
  • शुक्रवार को कोर्ट ने प्रिंस तिवारी, कृपा शंकर तिवारी सहित चार लोगों पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
  • रागिनी हत्याकांड का पांचवा आरोपी रामू यादव जो जुवेनाइल था.
  • उसका ट्रायल जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है.

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पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा
वकील शंभूनाथ उपाध्याय ने कहा कि रागिनी अपने स्कूल जाती थी. जिसको रास्ते में रोककर प्रिंस और उसके साथ ही छेड़खानी करते थे. इस बात की शिकायत रागिनी के पिता ने ग्राम प्रधान प्रिंस के पिता से की. उसे यह नागवार लगा जिसके बाद 8 अगस्त 2017 को इन पांचों ने मिलकर रागिनी की निर्मम हत्या कर दी थी. जिसके बाद 2 साल तक यह मामला कोर्ट में चला और अब न्यायालय ने फैसला सुनाया है.

मेरी बेटी की आत्मा को अब मिली शान्ति
मृतका रागिनी के पिता ने कहा कि मेरी बेटी पढ़ाई में बहुत ही अच्छी थी. इंटर के बाद वह पॉलिटेक्निक कर इंजीनियर बनना चाहती थी. लेकिन 8 अगस्त 2017 की काली रात हम लोगों की उम्मीदों को पानी फेर दिया. लेकिन आज कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उससे मेरी बेटी की आत्मा को शांति पहुंची होगी. मेरे साथ पूरे जनपद वासियों का विश्वास न्यायपालिका पर और बढ़ गया है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

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