उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बलिया: '90 फीसदी हो कृषि यंत्रों पर अनुदान तो किसान नही जलाएंगे पराली'

उत्तर प्रदेश के बलिया में किसानों ने सरकार से कृषि यंत्रों में 90 फीसदी छूट की मांग की है. किसान ने बताया कि पराली को न जलाकर उसे मिट्टी में मिला दिया जाए, तो प्रदूषण जैसी समस्या कम हो सकती है. इसके लिए सरकार को कृषि यंत्रों पर अनुदान देना चाहिए.

By

Published : Jan 10, 2020, 6:16 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

etv bharat
90 फीसदी मिले कृषि यंत्रों पर अनुदान.

बलिया: बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है. यूपी सरकार ने भी पराली जलाने वाले कई किसानों पर कार्रवाई की. बलिया में भी 15 किसानों पर पराली जलाने को लेकर नोटिस भी जारी किया गया. करीब 38 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया, लेकिन किसानों ने सरकार से मल्चर जैसी मशीन पर छूट की मांग की है.

90 फीसदी मिले कृषि यंत्रों पर अनुदान.

धान की फसल समाप्त होने के बाद किसानों को जल्द ही रवि की बुवाई के लिए खेतों में बचे अवशेष को जलाने की आवश्यकता होती है. इसी कारण लगातार खेतों में आग लगने के दृश्य सामने दिखाई देते हैं और प्रदूषण भी बढ़ता है. सरकार ने इसे रोकने के लिए नोटिस और अर्थदंड सहित मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

मशीन है महंगी
बलिया में किसानों के सामने पराली न जलाने को लेकर कई समस्याएं सामने आ रही है. जिले के गांव कोटवारी के किसान विनोद प्रताप सिंह ने बताया कि पराली जलाना नहीं चाहिए, लेकिन समस्या यह है कि जब धान की कटाई होती है, उसी समय गेहूं की बुवाई का समय होता है. किसान आनन-फानन में पराली जला देता है. यदि किसान पराली के लिए पर्याप्त मात्रा में मल्चर मशीन की व्यवस्था कर ले, तो समस्या कम हो जाए. इस मशीन से धान की फसल के बचे अवशेष छोटे-छोटे टुकड़ों में कटकर खेतों में बिखर जाते हैं, लेकिन यह मशीन अत्यंत महंगी होती है. इसलिए हर किसान के लिए इसे खरीद पाना संभव नहीं होता.

ये भी पढ़ें- वाराणसी: गंगा में डोली प्रियंका की नैया, ओवरलोड बनी वजह


कृषि यंत्रों पर 90 फीसदी मिले अनुदान
किसान सम्मान प्राप्त मुन्ना यादव ने बताया कि पराली को न जलाकर अगर उसे मिट्टी में मिला दिया जाए तो प्रदूषण जैसी समस्या नहीं हो सकती है. इसके लिए सरकार को कृषि यंत्रों पर कम से कम 90 फीसदी अनुदान देना चाहिए ताकि प्रत्येक किसान अपने पास मल्चर जैसी मशीन को रखें और उसका उपयोग करें.

पराली किसानों के लिए बड़ी समस्या
किसान संघ के नेता अखिलेश सिंह ने बताया कि पराली किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है.अगर पराली को काटने वाले मजदूरों को मनरेगा से जोड़ दिया जाए ताकि पराली काटकर उसे भूसा बनाया जाए और उसका उपयोग पशुओं के चारे में किया जाए तो लोगों को इसका आर्थिक रूप में फायदा भी होगा. प्रदूषण भी नहीं होगा. इसके साथ ही वर्मी कंपोस्ट, नाडेप कंपोस्ट और गोबर गैस भी तैयार किया जा सकता है. जिससे सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी होगी. किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और जमीन भी उपजाऊ बनेगी. साथ ही बिजली की समस्या का भी समाधान होगा और गांव की तरक्की होगी.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details