बलियाःजिले के बेल्थरारोड तहसील के कानूनगो को एंटी करप्शन टीम ने घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. खतौनी में नाम चढ़ाने के लिए कानूनगो पीड़ित किसान से 2700 रुपये घूस मांगा था, जिसे लेते हुए टीम ने कानूनगों को धर लिया. कानूनगों के पकड़े जाने की खबर से पूरे तहसील में हड़कंप मच गया. टीम ने कागजी करवाई के बाद सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर घूसखोर कानूनगो को जेल भेज दिया.
दरअसल, सोना मौर्य पुत्र पतरु अतरौल ग्राम सभा के निवासी हैं, जमीन की खतौनी में उनके नाम की जगह एक गलत नाम हीरालाल चढ़ गया था। खतौनी में सही नाम दर्ज करने के लिए सोना मौर्य ने तहसील में दफा 38 का वाद दायर किया था. मामले की फाइल को उच्चाधिकारीयों ने तहसील के कानूनगो राघवेन्द्र सिंह को भेजकर सही नाम दर्ज करने के लिए आदेशित किया था.
पीड़ित किसान सोना मौर्य ने बताया कि जब वह कानूनगो से खतौनी में नाम दर्ज कराने के लिए मिले, तो कानूनगो ने उनसे रुपये की मांग की. इसके बाद सोना मौर्य ने 1600 रुपया दे दिया. लेकिन, इसके बावजूद कानूनगो ने खतौनी में नाम दर्ज नहीं किया. कई महीने तक बार-बार चक्कर लगाने के बाद कानूनगो ने फिर से 2700 रुपये की मांग की. इसके बाद उसने एंटी करप्शन टीम गोरखपुर को फोन करके मामले की जानकारी दी.
गौरतलब है कि शिकायत के बाद मंगलवार को एंटी करप्शन टीम तहसील बिल्थरारोड पहुंच गयी. इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से किसान सोना मौर्य ने कानूनगो राघवेन्द्र सिंह को पूर्व में मांगी गई रिश्वत के 2700 रुपये दिए. जैसे ही कानूनगो ने राघवेन्द्र सिंह ने पैसे लिए टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया. थाना उभांव ने घुसखोर रजिस्ट्रार और कानूनगो के खिलाफ संबधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. एंटी करप्शन टीम ने उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. एंटी करप्शन ट्रैप टीम में प्रभारी निरीक्षक सन्तोष कुमार दीक्षित, निरीक्षक उदय प्रताप सिंह, निरीक्षक सुबोध कुमार, उपनिरीक्षक नीरज कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी चंद्रभान मिश्र, चंद्रभान वर्मा, आरक्षी पंकज मौर्य, रूपेश कुमार सिंह, आनन्द कुमार यादव शामिल रहे.
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