बलियाःएक शिक्षक जो समाज को एक नई दिशा और दशा देता है. एक शिक्षक जिसके कंधों पर देश की नई पौध तैयार करने की जिम्मेदारी होती है. ऐसे शिक्षकों में से एक है बृज मोहन प्रसाद ‘अनाड़ी’ जो न केवल पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के तौर पर अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर रहे हैं बल्कि भोजपुरी गीतों और रचनाओं के माध्यम से इस मीठी सरस भाषा को एक अलग पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं.
बचपन से ही लिखने का था शौक
बचपन से ही लिखने के शौकीन बृज मोहन प्रसाद अपनी रचनाओं को लोगों से छुपाकर लिखते थे. ताकि कोई इन रचनाओं को लेकर उनका उपहास ना करें. लेकिन उस दौरान में कुछ ऐसे भी लोग इनकी संगत में थे, जिन्होंने इनकी इस शैली को पहचान लिया. धीरे-धीरे इन लोगों ने इनकी रचनाओं को कविता और गीत के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचाना शुरू किया.