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टिकट कटते ही बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह के दिखे बगावती तेवर, निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान - up assembly election 2022

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बीजेपी ने बलिया की बची दो सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. बैरिया से विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट कटते ही उन्होंने अपने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर टिकट कटवाने का आरोप लगाया है.

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बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह

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Published : Feb 7, 2022, 10:35 AM IST

बलिया: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बीजेपी ने बलिया की बची दो सीटों बलिया सदर व बैरिया विधानसभा पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. बीजेपी ने बैरिया से विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट काट दिया है. इसके चलते उन्होंने अपने बगावती तेवर दिखाने शुरु कर दिए हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से घोषणा की है कि वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और 8 फरवरी को पर्चा दाखिल करेंगें. उनकी इस घोषणा से बैरिया में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.

गौरतलब है कि रविवार को देर रात जारी 45 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों की सूची बीजेपी ने जारी कर दी. इनमें जिले की दोनों हॉट सीटें भी शामिल थी. सदर से बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को टिकट देते हुए वहां के विधायक आंनद स्वरूप शुक्ला को बैरिया से प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि जुझारू विधायक सुरेंद्र सिंह को पैदल कर दिया गया है. टिकट की घोषणा होते ही सुरेंद्र सिंह काफी नाराज दिखे और कुछ देर में ही उन्होंने आधिकारिक रुप से सोशल मीडिया पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. इसके साथ ही यह भी लिखा कि 8 फरवरी मंगलवार को वो नामांकन करेंगे.

इस दौरान बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर टिकट कटवाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सांसद भू-माफियाओं की तरह जमीन को कब्जा करने में लगे थे, जिसका वो विरोध कर रहे थे. इसके चलते सांसद ने उनका टिकट कटवाया है. उनकी इस पूरी बयानबाजी से बैरिया विधानसभा की राजनीति में हलचल मच गई है.

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वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं की माने तो सुरेंद्र सिंह ऐसे विधायक हैं जो कार्यकर्ताओं के सम्मान का ख्याल रखते थे. वो कार्यकर्ताओं के लिए किसी भी हद तक पहुंचने से गुरेज नहीं करते हैं. ऐसे में बीजेपी जातीय समीकरण में घोषित प्रत्याशी के जरिए उनकी नाराजगी और विरोध की भरपाई से करने में किस हद तक कामयाब होगी, यह देखने वाली बात है.

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