बलिया: बलिया बलिदान दिवस शनिवार को धूमधाम से मनाया गया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक रहे. हर वर्ष की तरह परम्परा के अनुरूप वे प्रतीकात्मक तौर पर सेनानियों के साथ जेल में गए, फिर जेल का फाटक खुला और सभी सेनानी बाहर निकले. इस दौरान 'भारत माता की जय' और वंदेमातरम के उद्घोष से पूरा जेल परिसर गुंजायमान हो उठा. जेल से बाहर निकलने के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह सहित अन्य अतिथियों के साथ सेनानी राजकुमार ने 'बाघ' की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर नमन किया. शहीदों के परिजनों को सरकार से मिली सहायता राशि का चेक वितरित किया गया.
इस अवसर पर पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड में भव्य जनसभा का भी आयोजन हुआ. जनसभा में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि बलिया साधारण धरती नहीं है. इसका अपना इतिहास रहा है. बलिया बलिदान दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर पूरे प्रदेश की ओर से यहां के वीर क्रांतिकारियों को नमन करता हूं. 1942 की क्रांति को साझा करते हुए कहा कि गांधी जी के 'करो या मरो' के नारे को यूं तो पूरे देश ने सुना. लेकिन, बलिया के वीरों ने उसे हृदय से लगाकर आंदोलन में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया. नतीजन, अंग्रेजों को उन क्रांतिकारियों के आगे झुकना पड़ा. उन्होंने कहा कि हम सबका अब यह कर्तव्य है कि इस आजादी को अक्षुण्य बनाए रखें.
स्कूटी और कार देने की पहल को सबने सराहा
परिहवन मंत्री दयाशंकर सिंह की ओर से एकमात्र जीवित सेनानी रामविचार पाण्डेय को चार पहिया वाहन और 75 सेनानी के परिजनों को इलेक्ट्रिक स्कूटी देकर सम्मानित किया गया. डिप्टी सीएम ने सभी के हाथ में चाभियां सौंपी. उन्होंने परिवहन मंत्री के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जिन्होंने देश की आजादी में अपनी जान दे दी, उनसे महत्वपूर्ण कोई हो ही नहीं सकता. इस अवसर पर उन क्रांतिकारियों के परिजनों के सम्मान की पहल अत्यंत सराहनीय है. सांसद दिनेश लाल यादव सहित अन्य अतिथियों ने भी इस पहल की सराहना की.
अगले वर्ष और भव्य होगा समारोह: दयाशंकर सिंह
कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत करने के बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि बलिया के लिए आज का दिन गौरवन्वित करने वाला दिन है. हमारे बलिदानियों ने जो त्याग किया है, उसी वजह से खुले में हम सांस ले रहे हैं. इसलिए देश पर सबसे पहले महान सेनानियों व शहीदों के परिवारों का अधिकार होना चाहिए. कहा कि अगले वर्ष यह कार्यक्रम 9 अगस्त से ही शुरू होगा. प्रतिदिन शहीद स्थलों पर अलग-अलग कार्यक्रम होंगे और 19 अगस्त को भव्य समापन समारोह होगा.
वृद्धावस्था में स्कूटर पर देख आया कार देने का ख्याल : परिवहन मंत्री
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि सेनानी रामविचार पाण्डेय आजादी की लड़ाई के जीता जागता गवाह हैं. एक दिन शहर में उनको देखा कि अपने लड़के के साथ वृद्धावस्था में स्कूटर से कहीं जा रहे थे. उनके लड़के से कार की उपलब्धता के बारे में पूछा तो बताया कि बैंक में आईटीआर मांगा जा रहा है, जो नहीं है. उनके द्वारा कार खरीदने में असमर्थता जाहिर करने के बाद ठान लिया कि मौका मिला तो कार जरूर दूंगा. फिर अपने वेतन की धनराशि से कार खरीद कर देने का निर्णय लिया. आज बलिया बलिदान दिवस पर इस कार को देकर जो खुशी हो रही है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता.