बलिया: जिले के विकासखंड पंदह अंतर्गत ग्राम पंचायत मिश्रौली में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा के लिए 2016 में एएनएम सेंटर बनकर तैयार हुआ था, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज यह एक भूसा केंद्र बनकर रह गया है. इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया गया कि अभी बहुत से केंद्र हमें हैंडओवर नहीं हुए हैं. यदि हैंडओवर हुआ होगा तो उसे जांच कराकर प्रयोग में लाया जाएगा.
सरकारी धन का दुरुपयोग व शासन की मंशा पर पानी फिरता देखना हो तो बलिया की ग्राम पंचायत मिश्रौली में देखा जा सकता है. यहां लाखों की लागत से बना एएनएम सेंटर बिना प्रयोग के बदहाली के कगार पर पहुंच चुका है. एएनएम सेंटर बनने के लगभग पांच साल बाद भी वह अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. एक ओर जहां इस एएनएम सेंटर में ताला जड़ा हुआ है, वहीं इस सेंटर पर दवाइयों के स्थान पर भूसा भरा हुआ है. सरकारी बिल्डिंग होने के बावजूद ये एएनएम सेंटर एक किराए के कमरे में चलता है.
बदहाली का शिकार एएनएम सेंटर सेंटर में दो एएनएम की तैनाती
इस एएनएम सेंटर में दो एएनएम की तैनाती है. लेकिन इनके दर्शन सप्ताह में केवल एक बार वैक्सीन लगाने के दिन ही हो पाते हैं. लोगों को अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आती हैं, तो 7 से 10 किलो मीटर तक का सफर तय करना पड़ता है. यहां आस-पास और कोई अस्पताल या क्लीनिक भी नहीं है. एक ओर जहां गांव की गरीब जनता इलाज के अभाव में बीमारियों से ग्रसित हो रही हैं, तो वहीं सरकारी तंत्र के भष्ट्र अधिकारी और कर्मचारी मलाई मार रहे हैं.
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इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया गया कि अभी बहुत से केंद्र हमें हैंडओवर नहीं हुए हैं. यदि हैंडओवर हुआ होगा तो उसे जांच कराकर प्रयोग में लाया जाएगा. कार्यदाई संस्था से लिखवा रहे हैं. यदि हैंडओवर हुआ होगा तो उसे जांच कराकर प्रयोग में लाया जाएगा, फिलहाल वहां पर एएनएम सेंटर किराए के भवन में चल रहा है.