बहराइच: कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग (Katarniaghat Wildlife Sanctuary) में बुधवार को घटनाओं को अंजाम देने वाला बाघ पिंजरे में कैद हो गया, वहीं बाघिन अभी फरार है. यह जोड़ा 15 लोगों को घायल कर चुका था. इसमें 3 की मौत हो चुकी है. बाघों की जोड़ी को पकड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन, यह पकड़ में नहीं आ रहे थे.
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक के नेतृत्व में चार डॉक्टरों और डब्ल्यूटीआई की संयुक्त टीम ने बाघ को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. लेकिन, अभी बाघिन को पकड़ा जाना शेष है. टाइगर की यह जोड़ी न सिर्फ कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में आतंक मचाए हुए थी, बल्कि लखीमपुर खैरटिया और धौरारा तक इसके हमलों से ग्रामीण दहशत में थे. इन पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने पेड़ों पर 30 से अधिक थर्मोसेंसर कैमरे भी लगा दिए थे. इसमें कई बार इनकी तस्वीर भी कैद हुई. लेकिन, तस्वीरों से यह नहीं साबित हो पा रहा था कि यह बाघिन है या बाघ. लेकिन, आज (29 जून) जब बाघ पिंजरे में कैद हुआ तो मादा ने पिंजरे के कई चक्कर लगाए, जिससे यह बात साबित हुई कि यह एक जोड़ा था, जो इस परिक्षेत्र में घटनाओं को अंजाम दे रहा था.
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