बहराइचः महाराजा सुहेलदेव स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग के माध्यम से विभिन्न पदों पर गोपनीय ढंग से भर्ती का मामला सामने आया है. इस संबंध में विज्ञापन निकालकर आवेदन आमंत्रित किए गए थे. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने अब कंपनी के पंजीकरण को अवैध बता रहे हैं. उनका कहना है कि इस संबंध में कोई भी विज्ञापन मेडिकल कॉलेज द्वारा नहीं निकाला गया.
स्वायत्तशासी मेडिकल कॉलेज में शुरू से ही भर्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आउट सोर्सिंग के माध्यम से विभिन्न पदों के लिए भर्तियां निकालने की निविदा प्रकाशित करवा दी. कंपनियों से प्राचार्य ने आवेदन मांगे. प्रकाशन के बाद अभ्यर्थियों ने आउट सोर्सिंग कंपनी के माध्यम से आवेदन करना शुरू कर दिया.
कंपनियों के कर्मचारियों ने काउंटर लगाकर पंजीकरण और भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी, लेकिन इसके बाद प्राचार्य ने ही पत्र जारी कर कंपनियों के पंजीकरण को अवैध करार दिया. जिसमें उन्होंने दूसरे के माध्यम से सूचना मिलने की बात का जिक्र किया. नोटिस जिले में वायरल हो गया. भर्ती निरस्त होने पर अभ्यर्थी मेडिकल कॉलेज का चक्कर लगा रहे हैं. साथ ही भर्ती रद्द होने से अभ्यर्थी परेशान हो गए हैं.
मेडिकल कॉलेज में भर्ती का विज्ञापन निकलवाने और भर्ती रद्द करने के मामले में प्राचार्य डॉ. अनिल के साहनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में कोई जगह नहीं है, न ही कोई विज्ञापन निकलवाया गया है. जो निविदा निकाले जाने की बात चल रही है, उसके बारे में नोटिस जारी कर दिया गया है. नोटिस मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध अस्पताल में चस्पा कर दी गई है.