बहराइच: जिले में सरकारी उदासीनता के चलते नगर क्षेत्र की करीब 30 हजार की आबादी नरकीय जीवन जीने को मजबूर है. मोहल्ले वासियों ने समस्या को लेकर अधिकारियों की चौखट से लेकर सत्ता के गलियारों तक दस्तक दी है, लेकिन दशकों बाद भी नगर के पांच मोहल्लों के निवासी जलभराव का दंश झेलने को विवश हैं.
बहराइच नगर पालिका परिषद क्षेत्र के नवागढ़ी, बक्शी पुरा नई बस्ती, हमजा पुरा और सलार गंज आंशिक के बाशिंदे कई दशकों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. उन मोहल्लों में लगातार जलभराव होने के कारण दुर्गंध और संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है. अनेकों लोग इन मोहल्लों से पलायन कर रहे हैं. बरसात के दिनों की बात तो दूर सूखे के दिनों में भी मोहल्ले वासी जलभराव की समस्या से परेशान हैं.
जलभराव की समस्या का सामना कर रहे मोहल्ले वासी मोहल्ले वासियों का दर्दमोहल्ले वासियों का कहना है कि अधिकारियों से लेकर विधायक और सांसद तक से बात करने के बावजूद जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सका है. मोहल्ला निवासी राज किशोर का कहना है कि आम दिनों में इन मोहल्लों में पानी भरा रहता है. जिसके चलते मोहल्ले वासियों को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ता है. उनका कहना है कि उन लोगों ने नगर विधायक और पूर्व मंत्री अनुपमा जायसवाल से फरियाद की, लेकिन हालात में सुधार नहीं हो पाया है. यह लोग आते हैं, देखते हैं और चले जाते हैं. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पवन कुमार का कहना है कि यह मोहल्ले निचले इलाकों में बसे हैं. जिसके कारण जल निकासी की समस्या आम बात है. इस समस्या को लेकर प्रस्ताव शासन में भेजा गया था. जिसकी स्वीकृति अभी तक नहीं मिल सकी है. उन्होंने बताया कि इन मोहल्ले की करीब 30 हजार आबादी जलभराव से प्रभावित है. बरसात के दिनों में अस्थाई व्यवस्था, इंजन से पानी निकलवाने की जाती है. इसका प्रस्ताव सीएनडीएस द्वारा बनाकर शासन को भेज गया है. यह बड़ा कार्य है नगर पालिका छोटे-छोटे कार्य करती है. बड़े काल सीएनडीएस या जल निगम द्वारा कराया जाता है. इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है जो अभी तक सूचित नहीं हुआ है.
-पवन कुमार असाटी, अधिकारी नगर पालिका
थोड़ी सी बरसात में घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है. आम दिनों में मोहल्ले का दो तिहाई भाग जलभराव से प्रभावित रहता है.जलभराव के कारण बीमारी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. शासन प्रशासन से मांग की है कि जलभराव के पानी के निकास की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए. अन्यथा गंदे पानी का जलभराव कभी भी महामारी का रूप ले सकता है.
- ब्रह्म दत्त वर्मा, मोहल्लावासी