बहराइचः जिले में कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के नजदीक ग्राम बर्दिया में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत दो दिवसीय कृषक गोष्ठी मेला का आयोजन किया गया. मेले में पहुंची मुख्य अतिथि विधायक बलहा सरोज सोनकर ने कहा कि ऐसे आयोजन से जिले के सुदूर क्षेत्रों के किसान भी अपनी आय को दोगुना करने के लिए बेहतर और कारगर प्रयास कर सकेंगे.
विधायक ने कहा कि विविधीकरण को अपनाते हुए उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाकर किसान अपनी आय को दोगुना करें. सोनकर ने कहा कि पीएम और सीएम योगी द्वारा देश व प्रदेश के दूरस्थ व अति पिछड़े क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत प्रदेश के अति पिछड़े आकांक्षात्मक बहराइच का चयन किया गया है. सीमावर्ती अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों को विषेश तवज्जो दी जा रही है.
जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी
सांसद बहराइच अक्षयवर लाल गोंड के प्रतिनिधि संजीव गोंड ने केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न विकासपरक व जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी.
वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट राम कुमार ने कृषि व उद्यान विभाग के परामर्श से ऐसी फसलों का चयन करें जिसकी ओर वन्य जीव आकर्षित न होते हों. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं में कमी आने के साथ-साथ वन्य जीवों के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा.
औषधीय फसलों की खेती कराई जा रही
उद्यान विभाग के योजना प्रभारी आर.के. वर्मा ने बताया कि उद्यान विभग द्वारा राज्य आयुष मिशन, हर्बल गार्डेन के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की औषधीय फसलों की खेती कराई जा रही है. जिसमें मुख्यतः सतावर एवं लेमनग्रास की खेती बहुतायत से किसानों द्वारा की जा रही है ब्लाक मिहीपुरवा में गठित कृषक उत्पादन संगठन, मिहींपुरवा नेचुुरल बायो एनर्जी कृषक उत्पादक संगठन द्वारा विगत वर्ष सतावर एवं लेमन ग्रास की खेती उद्यान विभाग के माध्यम से कराई जा रही है.कृषि विज्ञान केन्द्र, नानपारा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. बी.पी. शाही ने बताया कि ग्राम फकीरपुरी, बर्दिया, विशुनापुर में फ्रन्टलाइन प्रजातीय सुधार एवं तकनीकी हस्तान्तरण का कार्य किया जा रहा है. वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. एस.बी. सिंह ने औषधीय एवं शाकभाजी फसलों के विपणन में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
किसान होना गौरव की बात
प्रगतिशील कृषक रंजीत कौर ने कृषकों विशेषकर ने कहा कि किसान होना गौरव की बात है. गन्ना उत्पादन में दो बार प्रथम पुरस्कार से सम्मानित प्रगतिशील कृषक स्व. रेशम सिंह की पुत्री होने और के नाते एक साफ्टवेयर इंजीनियर होते हुए भी मैंने कृषि जैसे चुनौतीपूर्ण व्यवसाय को चुना है. कार्यक्रम के दौरान कृषक शिव शंकर सिंह, राम प्रवेश मौर्या, जगन्नाथ मौर्या, मगन बिहारी पाठक व अन्य द्वारा अपने अनुभव साझा किया. गोष्ठी में ब्लाक चित्तौरा के ग्राम सोहरवा के प्रगतिशील कृषक लालता प्रसाद द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी स्टाल का मुख्य अतिथि ने अवलोकन किया.