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तंत्र-मंत्र की सिद्धि का केंद्र बना 'लोना चमाइन का कुआं'` - झाड़-फूंक करके बीमारियों को दूर करती थी लोना

आधुनिक युग में जादू टोना तंत्र-मंत्र और सिद्धि जैसी बातों का कोई महत्व न हो, लेकिन श्रावस्ती में लोना का अष्टकोणीय कुआं तंत्र-मंत्र साधना और असाध्य रोगों के उपचार का केंद्र माना जा रहा है. दीपावली में जमघट पर तांत्रिक तंत्र-मंत्र की साधना करते हैं. यहां कार्तिक मास की अमावस्या की काली रात में तांत्रिक जमघट जमाते हैं.

लोना चमाईन का कुआं.

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Published : Oct 27, 2019, 7:22 PM IST

बहराइच: आधुनिकता की दौड़ में जादू-टोना और अदृश्य शक्तियों पर लोग विश्वास अभी भी करते हैं. इसका जीता जागता उदाहरण श्रावस्ती में बौद्ध तीर्थ स्थल का लोना का कुआं हैं. इसके इतिहास को लेकर लोगों का कहना है कि महर्षि धन्वंतरि के जीवन काल में लोना उनकी शिष्य थी. धन्वंतरि की मृत्यु के बाद उनकी शिष्या लोना ने उनकी अस्थियों के कुछ कणों को उबालकर पी लिया था. इससे महर्षि धन्वंतरी का असर लोना में भी आ गया था.

तंत्र मंत्र की सिद्धि का केंद्र बना है लोना चमाईन का कुआं.

झाड़-फूंक करके बीमारियों को दूर करती थी लोना
श्रावस्ती के लोगों का कहना है कि झाड़-फूंक करके बीमारियों को लोना दूर करती थी, जिस अष्टकोण का इस्तेमाल लोना एक कुएं में करती थी सिद्धि का असर उस कुएं में भी आ गया था. लोना की मृत्यु के बाद लोग उस कुएं का इस्तेमाल असाध्य रोगों के उपचार के लिए करते हैं. यहीं नहीं इस अष्टकोणीय कुंआ तांत्रिकों की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है.

काली रात को लगता है जमघट
यहां कार्तिक मास की अमावस्या की काली रात को तांत्रिक जमघट जगाते हैं. काली अंधेरी रात में मंत्रों की साधना करते हैं मंत्रों को प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि तांत्रिक तंत्र-मंत्र से पहले लोना को दुहाई देते हैं.

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