उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

बहराइच में मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व, जानें इसका पौराणिक महत्व

By

Published : Jul 5, 2020, 9:33 PM IST

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया. इस मौके पर लोगों ने हवन-पूजन कर गुरुओं का आशीर्वाद लिया.

बहराइच में मनाई गुरु पूर्णिमा
बहराइच में मनाई गुरु पूर्णिमा

बहराइच: जिले में गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धापूर्वक और पारंपरिक रूप में मनाया गया. महर्षि वेदव्यास का जन्म पूर्णिमा के दिन ही हुआ था. डालमिया धर्मशाला में महाराज परमानंद जी महाराज के शिष्यों ने गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया. उक्त अवसर पर वक्ताओं ने गुरु के महत्व और उनकी महानता पर प्रकाश डाला.

गुरु पूर्णिमा का महत्व
बहराइच में आषाढ़ पूर्णिमा के दिन महर्षि पाराशर और निषाद पुत्री सत्यवती के पुत्र कृष्ण-द्वैपायन व्यास का जन्म यमुना तट पर स्थित हस्तिनापुर में हुआ था. उनकी जयन्ती के उपलक्ष्य में आज के दिन गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से हमारे देश में उत्सव मनाने की परम्परा रही है. महाराज व्यास ने वेदों की ऋचाओं को एकत्रित करके उन्हें चार वर्गों में वर्गीकृत कर उन्हें पुस्तक का स्वरूप प्रदान किया था, इसीलिए उन्हें वेदव्यास के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि पुराणों और महाभारत महाकाव्य की रचना के उद्देश्य से भगवान विष्णु ने महाराज व्यास के रूप में अवतार लिया था.

रविवार को डालमिया धर्मशाला में गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर स्वामी परमानन्द महाराज के शिष्यों ने सदगुरु पूजन और सुन्दरकांड का पाठ किया. यह कार्यक्रम अखण्ड परमधाम समिति के तत्वावधान में सम्पन हुआ. सर्वश्री कैलाश नाथ डालमिया, पुरुषोत्तमदास अग्रवाल, सनत कुमार शुक्ल, राज कुमार सिंह, दिलीप गुप्त, नन्द कुमार माहेश्वरी, नागेश रस्तोगी, गंगोत्री प्रसाद त्रिपाठी आदि ने प्रातः गुरु पूजन किया. आलोक पांडे, उदयानन्द मिश्र, मदन रस्तोगी के निर्देशन में सभी ने सुन्दरकांड का पाठ किया. सभी गुरुभाइयों ने सद्गुरुदेव भगवान की आरती की और प्रसाद वितरित किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details