बहराइच: जिले में घाघरा नदी का जलस्तर कम होने के बाद तटवर्ती इलाकों में तेजी से हो रहे कटान के कारण ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई. सैकड़ों किसानों की फसले कटान में बह गई हैं. वहीं कटान के कारण फखरपुर विकासखंड में बनी पुलिया आधी बह गई, जिस कारण ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो गया है.
नदी के तेज कटान ने बढ़ाई ग्रामीणो की मुश्किलें. जिले के कैसरगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम मंझारा तौकली में बनी पुलिया कटान में आधी बह गई. यह पुलिया 11 सौ रेती, गोडहिया नंबर- 3, भिर्गु पुरवा और बलराज पुरवा गांव को जोड़ता है. इस कारण इन गांवों का आवागमन बाधित हो गया है.
ग्रामीणों के अनुसार इस पुल का निर्माण करीब 8 वर्ष पहले कराया गया था. कटान के कारण कई मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर कटान हो रहा है. वहां स्टड और स्पर का निर्माण कराने के लिए क्षेत्रिय विधायक एवं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा से कई बार अनुरोध किया गया था.
उन्होंने इसके लिए आश्वासन भी दिया था लेकिन इसके पहले ही कटान में आधा पुल बह गया. इस कारण ग्रामीणों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है. अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व जय चंद्र पांडे ने बताया कि घाघरा का जलस्तर घटने के साथ जिले के कई क्षेत्रों ने कटान शुरू हो गया है.
जिसके चलते गोडहिया नबर- 3 के मजरा नई बस्ती और गजराज सिंह पुरवा के पास बनी पुलिया आधी बह गई. उन्होंने बताया कि मजेरा सुंदरिया में बना पीपे का पुल भी काफी क्षतिग्रस्त हुआ है. इसके अतिरिक्त मजरा 300 रेती से चंद्रदेव पूर्वा को जाने वाली सड़क पर बनी पुलिया के पास सड़क बह गई है. जिस कारण आवागमन प्रभावित हुआ है.
उन्होंने बताया कि अभी तक 374 मकान, 344 हेक्टेयर कृषि भूमि, नानपारा के पाठक पुरवा में 1 प्राथमिक विद्यालय कटान होने के कारण नदी में बह चुका है. वहीं बाढ़ में 14 लोगों की डूबने से मौत भी हो चुकी है. कटान एवं बाढ़ से हुए नुकसान में पीड़ितों को मुआवजा उपलब्ध करा दिया गया है.