बहराइच: एक ओर सरकार ग्रामीण इलाकों में चिकित्सीय सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयत्नशील है. लेकिन बहराइच में स्वास्थ विभाग की उदासीनता के चलते ग्रामीण चिकित्सा सेवाएं दम तोड़ रही हैं. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो मौजूद है, लेकिन यहां न डॉक्टर, नर्स और न ही कोई अन्य कर्मचारी मौजूद है. बहराइच का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जानवरों का तबेला बना हुआ है. यहां गंदगी और गोबर का ढे़र लगा है, जिसे साफ करने वाला कोई नहीं है.
तबेला बन चुका है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य केंद्र में लगा ताला
सरकार ने भले ही सेमरी घटाही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण इस इलाके के लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए किया हो, लेकिन इस स्वास्थ्य केंद्र में ताला ही लगा रहता है. यहां वार्डों में न दवाएं हैं, न ही उपचार के लिए आवश्यक उपकरण मौजूद हैं. यहां न डॉक्टर आते हैं, न नर्स आती है और न ही कोई अन्य कर्मचारी मौजूद रहता है.
तबेला बन चुका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का वार्ड
सरकारी अभिलेखों में तो यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 10 बेड का है. लेकिन यहां के वार्डों में एक भी बेड नजर नहीं आता है. वार्डो में मरीजों के बजाय गोबर और गंदगी मौजूद है. जो इस बात का साफ संकेत है कि यहां के वार्ड पशुओं का तबेला बन चुके हैं.
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बंद होने से यहां के करीब एक लाख लोगों की स्वास्थ सेवाएं प्रभावित हो रही है. लोगों को इलाज के लिए 50 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. ग्रामीणों का कहना है कि तहसील मुख्यालय से लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक के प्रयास करने के बावजूद सेमरी घटाही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल नहीं हो सकी हैं.
स्वास्थ केंद्र में सफाई कर्मचारी तक की तैनाती नहीं
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिमरी घटाही में तैनात एकमात्र फार्मेसिस्ट अजय कुमार चौधरी ने बताया कि अस्पताल और वार्डों की हालत बदत्तर है. उन्होंने बताया कि 10 बेड के इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मात्र 1 वार्ड मौजूद है. स्वास्थ्य केंद्र में न दरवाजे हैं, न बेड हैं और न ही उपचार के समुचित उपकरण ही उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई कर्मचारी तक की तैनाती नहीं है. फार्मेसिस्ट ने बताया कि वह अभावों के बीच ड्यूटी करते हैं और चले जाते हैं.