बहराइच: किसानों को अपनी आय दोगुनी करने के लिए सहफसली खेती के साथ-साथ कृषि व्यवसाय को भी अपनाना होगा. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित कृषि योजनाओं का भरपूर लाभ उठाते हुए योजना के उद्देश्यों को पूरा करना होगा. यह सलाह कृषि विशेषज्ञों ने गुरुवार को कृषि भवन परिसर में आयोजित जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी में दी.
आत्मा योजनान्तर्गत कृषक वैज्ञानिक संवाद तथा फसल अवशेष प्रबन्धन जागरूकता कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित इस गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिलाधिकारी शम्भू कुमार, विधायक महसी सुरेश्वर सिंह, पयागपुर के सुभाष त्रिपाठी, बलहा की सरोज सोनकर व हिन्दु युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजदेव सिंह ने सयुंक्त रूप से फीता काटकर, दीप प्रज्ज्वलित कर व पंडित दीन दयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर किया.
जिलाधिकारी, विधानसभा सदस्यों व अन्य अतिथियों ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम-कुसुम) योजनान्तर्गत 5 कृषकों को पांच-पांच हार्सपावर के सोलर पम्प, प्रामोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेण्ट ऑफ क्राप रेज्डयू योजना अन्तर्गत फार्म मशीनरी बैंक स्थापना हेतु 06 समूह/कृषकों को प्रमाण पत्र व ट्रैक्टर की चाभी, नेशनल मिशन आन एग्रीकल्चर एक्स पेंशन एण्ड टेक्नालाजी (एस.एम.ए.एम.) योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति के 06 कृषकों को रोटावेटर हेतु 42-42 हजार रुपये अनुदान धनराशि के स्वीकृति पत्र के साथ-साथ रबी फसल हेतु मिनी बीज किट का भी वितरण किया गया.
जिलाधिकारी शम्भू कुमार ने कहा कि, कृषक केन्द्र व राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कृषकों की आय को दोगुना किए जाने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं. कृषकों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही है.
जिलाधिकारी ने कहा कि, देश के किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के साथ-साथ किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाये जाने हेतु मूल समर्थन योजना के तहत उपज की रिकार्ड खरीद की जा रही है. कार्यक्रम में मौजूद किसानों से अपील की गई कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भरपूर लाभ उठायें तथा वैज्ञानिक विधि से खेती करें, ताकि उन्हें भरपूर उपज प्राप्त हो सके. वक्ताओं ने किसानों को यह भी सलाह दी कि सहफसली खेती के साथ-साथ कृषि आधारित व्यवसाय को भी अपनाएं.
वक्ताओं ने सभी किसानों से अपील की, कि वे अपने फसल अवशेषों को खेत में न जलायें. खेत में फसल अवशेष को जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध है. किसानों को सुझाव दिया गया कि अपनी फसल अवशेषों का सदुपयोग कर कम्पोस्ट खाद तैयार करें, ताकि पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ सके.
जिला स्तरीय रबी उत्पाकता गोष्ठी को उप निदेशक कृषि डॉ. आर.के. सिंह, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, कृषि वैज्ञानिकों, कृषि एलाइड विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों, लीड बैंक प्रबन्धक और प्रगतिशील कृषक रामफेरन पाण्डेय व अन्य ने भी सम्बोधित करते हुए किसानों को महत्वपूर्ण सुझाव दिया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में जिले के किसान मौजूद रहे. किसानों को मौसम की जानकारी प्राप्त करने के लिए मेघदूत एप को डाउनलोड करने की भी सलाह दी गई.