बहराइच: जिले में अमन एकता कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आपसी सद्भावना का संदेश दिया गया. जमीयत उलमा-ए-हिंद की तरफ से आयोजित एकता कॉन्फ्रेंस में सभी धर्मों के धर्मगुरु एक मंच पर जुटे. इस दौरान सिद्धनाथ मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी जी महाराज अमन एकता कांफ्रेंस के मंच पर आकर्षण का केंद्र रहे.
एक मंच पर दिखा मिनी इंडिया. अमन एकता कॉन्फ्रेंस का आयोजन
कार्यक्रम में मौजूद मदरसा छात्रो में महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी जी महाराज को अपनों के बीच पाकर मदरसा छात्रों में सेल्फी की होड़ मच गई. युवा संत, मदरसा छात्रों के प्यार को देखकर अपने को रोक न सके और अलग-अलग रूपों में छात्रों के साथ फोटो खिंचवाई और सभी को आशीर्वाद दिया. सभी धर्मों के धर्मगुरु का एक मंच पर जमावड़ा मिनी इंडिया का नजारा पेश कर रहा था.
अमन एकता कॉन्फ्रेंस कर दी गई भाइचारे की मिसाल
नगर पालिका परिषद प्रांगण में आयोजित जमीयत उलमा-ए-हिंद के तत्वाधान में आयोजित कांफ्रेंस में एक मंच पर सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने भाइचारे का संदेश दिया. सिद्धनाथ पीठ के महंत और महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी जी महाराज ने कांफ्रेंस में मौजूद सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए संबोधन की शुरुआत की.
इसे भी पढ़ें- भाईचारे की मिसाल: RSS के पथ संचलन पर मुस्लिमों ने बरसाए फूल
उन्होंने कहा कि हम सब पहले इंसान है, न कोई जात न कोई भेद. उन्होंने संस्कृत के श्लोक के साथ अपना संबोधन शुरू किया और हर-हर महादेव के गगनभेदी नारों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया. हम सब परमपिता परमेश्वर की संतान हैं. सभी धर्मों में खुशहाली हो देश में सभी अमन-चैन और सुख से रहे यही ईश्वर से कामना है. उन्होंने कहा कि अखंडता में ही एकता है.
देश को उन्नति की राह पर ले जाने की कोशिश करनी चाहिए
उलेमाओं ने मंच पर शॉल पहनाकर महामंडलेश्वर को सम्मानित किया. कार्यक्रम के आयोजक कारी जुबेर अहमद ने कहा की कांफ्रेंस के जरिए देशवासियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि सभी अमनो-अमान, प्यार और मोहब्बत के साथ ही एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल होने के संकल्प के साथ ही देश के विकास में अपना योगदान दें. हमारे पूर्वजों ने देश को आजाद कराकर देश को बुलंदियों पर पहुंचाने का सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिए सभी देशवासियों को एकजुट होकर देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा देश मौलाना आजाद, नेहरू और महात्मा गांधी के ख्वाबों की ताबीर है.