बहराइच: जिले में नेपाल से नदियों का पानी आने के कारण घाघरा और सरयू नदी उफान पर हैं. घाघरा में महसी, मिहींपुरवा और कैसरगंज तहसीलों के 28 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. आधा दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ पीड़ित सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं. जिलाधिकारी शंभू कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बचाव और राहत कार्य तेज किए जाने के निर्देश दिए हैं.
नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश के चलते बहराइच में घाघरा और सरयू नदी उफान पर हैं. 100 से अधिक मजरे बाढ़ से प्रभावित हैं. दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ पीड़ित बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित प्रशासन पर बचाव और राहत कार्य न शुरू किए जाने का आरोप लगा रहे हैं.
जिलाधिकारी ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा किया बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि उनके गांव और घरों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण वह किसी तरह से अपने संसाधनों से सुरक्षित ठिकानों की ओर पहुंच रहे हैं. उन्हें प्रशासन द्वारा एक नाव तक मुहैया नहीं कराई गई है. बाढ़ का पानी घरों में घुसने के कारण बाढ़ पीड़ितों के सामने विषम स्थिति उत्पन्न हो गई है. उनके सिर पर न छत बची है, न खाने के लिए भोजन.
बाढ़ से घरों में घुसा पानी इस मुसीबत की घड़ी में उन्हें प्रशासन की मदद की दरकार है. उनके मुताबिक वह भी उन्हें अब तक मयस्सर नहीं हो सकी है. वहीं दूसरी ओर बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी शंभू कुमार और पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन कुमार मिश्रा ने महसी तहसील क्षेत्र के शारदा सिंह पुरवा का निरीक्षण किया. तहसील प्रशासन को बाढ़, बचाओ और राहत कार्य तेज किए जाने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी शंभू कुमार ने बताया कि नेपाल से पानी आने के कारण महसी और कैसरगंज तहसील की 28 ग्राम पंचायत प्रभावित हैं, जहां जलस्तर ज्यादा ऊंचा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से काफी आबादी प्रभावित हुई है. उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया जा रहा है.
घाघरा में बाढ़ से 28 गांव प्रभावित उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को शासन के निर्देश के अनुसार किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी. बाढ़ पीड़ितों को भोजन की कोई कमी न हो इसलिए बाढ़ राहत चौकियों को संचालित कर दिया गया है. बाढ़ पीड़ितों को लंच पैकेट वितरित किए जा रहे हैं. बाढ़ राहत चौकियों और बांध पर काफी बाढ़ पीड़ित आकर रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि बंधों पर आकर रहने वाले बाढ़ पीड़ितों को बरसात से बचाने के लिए त्रिपाल उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जहां-जहां लोगों के आवागमन के लिए नाव की आवश्यकता थी वहां नाव लगाई गई है. प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने के लिए मुस्तैद है.
घाघरा में बाढ़ से 28 गांव प्रभावित