बागपत: भूत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की भूमि बागपत में इस बार राजनैतिक सरगर्मी चरम पर है. इस बार जिले से चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह ने अपने बेटे जयंत चौधरी को बागपत लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में उतारा है.
जिले में इस बार चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है.क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और आरएलडी तीनों पार्टियों ने मिलकर गठबंधन किया है. जिले में यह सीट आरएलडी के खाते में गई है. तो उधर जयंत चौधरी अपने बाबा चौधरी चरण सिंह की विरासत को बचाने में लगे हुए हैं.वहीं इस बार आरएलडी का मुकाबला सीधे बीजेपी के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री रह चुके डॉक्टर सत्यपाल सिंह से है.सत्यपाल सिंह का चुनावी राजनीतिक सफर 2014 से शुरू हुआ था. इससे पहले वह मुंबई में पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं.
गांव के लोगों से बातचीत की संवाददाता आदित्य तिवारी ने.
वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सत्यपाल सिंह ने चौधरी अजीत सिंह को भारी मतों से हराया था. लेकिन इस बार यह सीट गठबंधन के जाने के बाद आरडी को मिली है इस बार यह देखना है कि क्या चौधरी चरण सिंह की विरासत को उनके पोते जयंत चौधरी बचा पाएंगे.
गुरुवार को ईटीवी भारत के संवाददाता ने जिले के चौगमा क्षेत्र की निर्गुणा गांव की पंचायत में जाकर चुनावी माहौल का जायजा लिया. पंचायत के लोगों से सरकार को लेकर सवाल-जवाब किए.जिसमें गांव के लोगों ने अपनी-अपनी राय रखी और लोगों से जानने की कोशिश की गई कि वह वोट विकास के नाम पर देंगे या जाति के नाम पर तो अधिकतर लोगों का कहना था कि बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है और हम वोट उसी को देंगे जो बेरोजगारी को खत्म करेगा.