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Published : Jul 8, 2020, 2:54 PM IST

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बागपत: नहीं हो रहा गन्ने का बकाया भुगतान, किसान हुए बेहाल

उत्तर प्रदेश के बागपत के गन्ना किसानों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. जिले के गन्ना किसानों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया, जिसके चलते वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.

sugarcane farmers are suffering
गन्ना किसान परेशान

बागपत: जिले में इन दिनों किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जनपद में मलकपुर शुगर मिल (S.B.E.C) में गन्ने की आपूर्ति करने वाले किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. शुगर मिल बन्द हो चुकी है लेकिन अभी तक किसानों का गन्ने का भुगतान नहीं हो किया गया है. इसके चलते किसानों में आक्रोश है और कुछ किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. व्यापारियों ने भी किसानों को उधार सामान देने से मना कर दिया है, लेकिन शुगर मिल प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.

गन्ना किसान परेशान
तहसील बडौत इलाके के मलकपुर गांव में स्तिथ एसबीईसी शुगर मिल पर बागपत के किसानों का पिछले सत्र के गन्ने का अभी लगभग 450 करोड़ रुपये बकाया हैं. वहीं सरकार के सख्त आदेशों के बाद भी मिल मालिक ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया है. मिल प्रबंधन अभी तक सितंबर माह तक का ही भुगतान कर पाया है और किसान परेशान है. कुछ किसानों का कहना है कि 15 लाख रुपये का गन्ना मिल को देने के बाद उनको महज अभी तक 50 हजार रुपये का भुगतान किया गया है. बाकी रकम का अभी कुछ नहीं पता कि वो पैसा उनको कब तक मिलेगा.

किसान का बेटा एनडीए की तैयारी में जुटा हुआ है, लेकिन लेपटॉप खरीदने के पैसे नहीं है. ऐसी स्थिति में किसान जाए तो जाए कहा. हालांकि सरकार ने किसानों से 14 दिन में भुगतान करने की बात कही थी लेकिन महीनों गुजरने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया गया है. जनपद में 3 शुगर मिल हैं, जिसमें से रमाला शुगर मिल और बागपत शुगर मिल सहकारी मिल हैं जबकि मलकपुर शुगर मिल मोदी ग्रुप की निजी शुगर मिल है.

किसानों की मानें तो जब से शुगर मिल जनपद में लगी है तभी से ही भुगतान देने में मिल का ये ही रवैय्या रहा है. हालांकि शुगर मिल पर पूर्व में भुगतान न होने के चलते आरसी भी जारी हो चुकी है, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य होता है. शायद यही वजह है कि मिल प्रबंधन किसानों को समय पर भुगतान करने में लापरवाही करता है और किसानों कि स्थिति खराब होती जा रही है.

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