बागपत: बागपत में इन दिनों किसानों को दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है. शुगर मिलों के बंद होने से गन्ना किसान भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. शुगर मिल बंद हो चुके हैं, लेकिन अभी तक किसानों का गन्ना भुगतान नहीं हो सका है, जिसके चलते किसानों में आक्रोश पनप रहा है. व्यापारी भी अब किसानों को उधार में सामान देने से मना कर रहे हैं, लेकिन शुगर मिल प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है.
बागपत: गन्ना किसानों का हाल बेहाल, 505 करोड़ का भुगतान बकाया - uttar pradesh news
उत्तर प्रदेश के बागपत में पिछले सितंबर माह से किसानों का गन्ना भुगतान नहीं हो सका है. शुगर मिलों की उदासीनता से गन्ना किसानों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. अभी भी किसानों का शुगर मिलों पर 504 करोड़ रुपये का बकाया है.
जनपद में तीन शुगर मिल हैं, जिसमें से रमाला शुगर मिल और बागपत शुगर मिल सहकारी मिले हैं, जबकि मलकपुर शुगर मिल मोदी ग्रुप की निजी शुगर मिल है. किसानों की मानें तो जब से शुगर मिल जनपद में लगे हैं, तभी से भुगतान देने में मिलों का रवैया निराशाजनक रहा है. हालांकि शुगर मिल पर पूर्व में भुगतान न होने के चलते आरसी भी जारी हो चुकी है, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य रहा है. शायद यही वजह है कि मिल प्रबंधन किसानों को समय पर भुगतान करने में लापरवाही करता है. तीनों शुगर मिलों के उपर किसानों का 504 करोड़ रुपये बकाया है.
तीनों चीनी मिलों का कुल इस सत्र का 922 करोड़ रुपये का ड्यू बनता था, जिसके सापेक्ष 418 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है और 504 करोड़ रुपये का बकाया बचा है. तीनों चीनी मिलों पर चीनी का बेस प्राइज बढ़कर 33 रुपये हुआ है.