बागपतः जिले में एनजीटी के नियम तार-तार हो रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. वहीं किसानों द्वारा गन्ने की पत्तियां और गुड़ बनाने वाले कोल्हुओं द्वारा ई-कचरा जलाया जा रहा है. इन सब पर प्रशासन की नजर बिल्कुल नहीं जा रही है. जिले में प्रदूषण को रोकने में बागपत प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है, क्योंकि कुछ दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स 482 के पार तक पहुंच गया था.
बागपतः NGT के नियमों को ताक पर रखकर बेखौफ जलाये जा रहे खेतों में फसल अवशेष
यूपी के बागपत में सुप्रीमकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर NGT के नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. किसानों के द्वारा गन्ने की पत्तियां और गुड़ बनाने वाले कोल्हुओं द्वारा ई-कचरा जलाया जा रहा है.
चिमनी से निकलता धुआं.
बड़ौत थाना इलाके के बिजरौल रोड फाटक के पास किसानों द्वारा गन्ने के खेतों मे सूखी पत्तियों के ढेर में आग लगा दी गई. आग की ऊंची-ऊंची लपटों और धुंए के गुबार से आसपास रहने वाले लोगों को दिक्कत बढ़ गयी. लोगों ने इसकी शिकायत एसडीएम को भी की है. वहीं किसानों का कहना है कि प्रदूषण फैलाने वाले फैक्ट्री मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. किसानों ने चेतावनी दी है, कि यदि उनपर कार्रवाई हुई तो वे आंदोलन करेंगे.
जांच कराई जा रही है, पत्तियां जलाने वाले कुछ किसानों को नोटिस जारी किए गए है. कोल्हू संचालकों को भी तीन दिन का समय दिया गया है. कोर्ट के आदेशों का हर हाल में पालन कराया जाएगा. जो भी किसान या कोल्हू मालिक हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-दुर्गेश मिश्र, एसडीएम