बागपतः यूपी के सरकारी कार्यालयों को सुंदर बनाने के साथ बागपत जिला न्यायालय की बिल्डिंग को काफी सुंदर बनाया गया है. न्यायालय परिसर के अंदर ही जजों के आवास बनाए गए हैं और कैंपस के अंदर सैकड़ों पेड़-पौधों से न्यायालय परिसर को बेहतरीन तरीके से सजाया गया है. 24 घंटे सिक्योरिटी से साथ परिसर को सीसीटीवी से लैस किया गया है.
1947 में बागपत को जिला बनाया गया था. इससे पहले बागपत मेरठ जनपद की ही तहसील हुआ करती थी. जिला बनने के बाद यहां पर पुराने भवनों में कोर्ट लगती थी. वहीं पर वकीलों के चैंबर भी थे, जिससे भीड़-भाड़ की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. इसके चलते दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के पास खादर की भूमि पर नये कोर्ट को बड़े ही शानदार तरीके से बनाया गया है.
बागपत जिला न्यायालय का मॉडल प्रदेश में नंबर वन
यूपी के बागपत जिला न्यायालय को वहां के जजों ने इतना सुंदर और हरा-भरा बना दिया है कि न्यायलय के मॉडल की चर्चाएं जोरों पर हैं. लोगों को यह मॉडल इतना पसंद आ रहा है कि अन्य जनपदों मे भी इसी मॉडल पर न्यायालय बनना शुरू हो गए हैं.
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जजों के रहने के लिए कोर्ट की बाउंड्री के अंदर ही आवास बनाए गए हैं. कोर्ट परिसर के बाहर वकीलों के चैंबर बनाए गए हैं, ताकि कोर्ट के पास भीड़-भाड़ न रहे. वहीं कोर्ट परिसर में पौधे नहीं होने की वजह से धूप, बारिश आदि की समस्या बनी रहती थी. जिसके लिए एजीएम और अन्य जजों के प्रयास के बाद कोर्ट परिसर में सैकड़ों पौधे लगाए गए हैं.
कोर्ट के मेन गेट के पास से कोर्ट के भवन तक आने के लिए टीनशेड बनाया गया है, ताकि कोर्ट में आने वाले लोगों को बारिश से किसी तरह की समस्या न हो. सुरक्षा की दृष्टि से कोर्ट में एक चौकी भी बनाई गई है. कोर्ट के मेन गेट और अन्य जगह पर सुरक्षाकर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं. कोर्ट में आने जाने वाले हर लोगों की चेकिंग होने के बाद ही अंदर प्रवेश मिल पाता है.
कोर्ट परिसर हमेशा सीसीटीवी की नजर में रहता है, इसलिए बागपत न्यायालय का मॉडल प्रदेश में नंबर वन पर है. इस मॉडल का नाम मॉडल कोर्ट बागपत का नाम दिया गया है और आने वाले समय में जिले में बनने वाले हर कोर्ट बागपत मॉडल की तर्ज पर ही बनाये जाएंगे.