बागपतःमेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को अपने गृह जनपद बागपत पहुंचे थे. वह कस्बा अमीनगर सराय में अभिनन्दन समारोह में शामिल हुए थे. यहां पर मंच से उन्होंने कहा कि देश में किसानों की हालत बहुत खराब है. सरकार को किसानों के बारे में सोचना चाहिए. साथ ही कहा कि एमएसपी को कानून के दायरे में करा दो तो मैं किसान आंदोलन को खत्म करा दूंगा. दिल्ली से किसानों को दबाव बनाकर और अपमानित करके खाली हाथ मत भेजना.
सिफारिश के लिए नहीं होता गवर्नर
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि गवर्नर सिफारिश के लिए नहीं होता. प्रधानमंत्री की तरफ से मना है कि सिफारिश मत करना. जब कोई गवर्नर बने तो उसे कुछ ना कुछ ऐसा काम करना चाहिए कि लोग यह कहें कि गवर्नर बना था तो उसने ये काम किया. मैं यकीन दिलाना चाहता हूं कि किसानों के मामले पर जितनी दूर तक भी जाना पड़ेगा, उतनी ही दूर तक जाऊंगा क्योंकि मुझे किसानों की तकलीफ मालूम है. किसान बहुत बुरे हाल में हैं देश में.
300 बरस तक नहीं भूलेंगे
सत्यपाल मलिक ने कहा कि अभी मैं प्रधानमंत्री के एक बहुत बड़े पत्रकार मित्र से मिलकर आया हूं. मैंने उनसे कहा कि भाई मैंने तो कोशिश कर ली, अब आप भी कोशिश कर लो. ये बहुत गलत रास्ता है. किसानों को दबाकर और अपमानित करके दिल्ली से भेजना ठीक नहीं. पहली बात तो ये जाएंगें नहीं और चले गए तो 300 बरस तक भूलेंगे नहीं. मलिक ने कहा कि इंदिरा गांधी ने जब ब्लू स्टार किया उसके बाद उन्होंने अपने फॉर्म हाउस पर एक महीना महामृत्युंजय का यज्ञ कराया. मुझे अरुण नेहरू ने ये बताया कि उन्होंने इंदिरा गांधी से कहा था कि फूफी आप तो ये सब चीजें नहीं मानती थीं तो उन्होंने ये कहा कि तुम्हें ये पता नहीं मैंने इनका अकाल तख्त तोड़ा है. ये मुझे छोड़ेंगे नहीं. इसलिए करा रही हूं.
किसानों और जवानों से जस्टिस जरूरी
उन्होंने कहा कि किसानों का तो ये हाल है कि बेचारे जो चीज पैदा करते हैं उनके दाम घटते हैं और जो खरीदते हैं उसके दाम बढ़ जाते हैं. इन्हें तो पता भी नहीं है कि ये बिना कारण ही गरीब कैसे हो रहे हैं. इस समय कोई भी कानून किसान के पक्ष में नहीं है. जिधर भी जाते हैं, लाठीचार्ज हो जाता है. जिस देश में किसान और जवान से जस्टिस नहीं होगा उस देश को कोई बचा ही नहीं सकता है.