बागपत:तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. सरकार लगातार किसानों को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रही है, लेकिन कृषि कानूनों को खत्म करने पर अड़े किसान सरकार की बात मानने को तैयार नहीं हैं. दिल्ली बॉर्डर पर मोर्चा संभाल रहे किसानों को देश के विभिन्न हिस्से के किसानों का भी समर्थन मिल रहा है. किसानों के आंदोलन को सफल बनाने के लिए बागपत जनपद के खाप चौधरी और राष्ट्रीय लोकदल ने आंदोलनरत किसानों का समर्थन देने की बात कही है.
किसानों के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे हैं देशखाप के चौधरी और RLD कार्यकर्ता - baghpat news
देशखाप के चौधरी और आरएलडी कार्यकर्ता गांव-गांव घूमकर किसानों को जागरूक करेंगे. देशखाप के चौधरियों का कहना है कि वे सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसान भाइयों के लिए धन और खाद्य सामग्री एकत्रित कर भेजेंगे. इसके लिए विभिन्न गांवों में पंचायत कर चंदा भी मांगेंगे, ताकि किसानों का आंदोलन कमजोर न पड़े.
देशखाप के चौधरी और आरएलडी कार्यकर्ता गांव-गांव घूमकर किसानों को जागरूक करने की बात कह रहे हैं. देशखाप के चौधरी का कहना है कि वे सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसान भाइयों के लिए धन और खाद्य सामग्री एकत्रित कर भेजेंगे. इसके लिए विभिन्न गांवों में पंचायत कर चंदा भी मांगेंगे, ताकि किसानों का आंदोलन कमजोर न पड़े.
आरएलडी का किसानों को समर्थन
वहीं राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से भी बयान सामने आया है. आरएलडी के मंडल महासचिव ओमवीर ढाका ने बताया कि किसानों के आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूरी रणनीति तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और आरएलडी का पूरा समर्थन रहेगा. उन्होंने कहा कि हमने चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई है, क्योंकि यह दोनों किसानों के मशीहा थे, लेकिन आज किसान परेशान हैं और सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है. इसीलिए दिल्ली में चल रहे धरने को सफल बनाने के लिए उनकी पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर चंदा मांगेंगे और दिल्ली में बैठे किसानों को भेजेंगे. इसके अलावा किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं होने पर 28 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे.