मुजफ्फरनगर/बागपत : दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद अब पुलिस कार्रवाई से नाराज भारतीय किसान यूनियन ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सभी थानों में धरना प्रदर्शन की घोषणा की थी. इसे लेकर मुजफ्फरनगर में जिला प्रशासन ने सभी थानों को छावनी में तब्दील कर रखा था. बावजूद इसके बीकेयू के कार्यकर्ताओं ने कई थानों पर पहुंचकर सांकेतिक धरना दिया. उन्होंने जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर मुकदमों को वापस लेने की मांग की.
गुरुवार को सभी थानों को पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात कर छावनी में तब्दील कर दिया गया. भारतीय किसान यूनियन के थाना घेराव के ऐलान के बाद जनपद में सभी थानों और मुख्य मार्गो पर पुलिस अलर्ट दिखाई दी. भारतीय किसान यूनियन के सैंकड़ों कार्यकर्ताओ ने कोतवाली नई मंडी के सामने धरना प्रदर्शन कर सरकार के विरुद्ध रोष प्रकट किया.
बता दें कि थानों में धरने को लेकर गुरुवार की सुबह से ही एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा मुजफ्फरनगर जनपद के सभी 21 थानों पर बैरिकेडिंग कराकर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था. इस वजह से किसी भी थाने में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता बड़ा प्रदर्शन नहीं कर पाए.
आरएलडी कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशाशन के विरोध की मीटिंग
बागपत : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे 709 B पर धरनारत किसानों का बुधवार देर रात धरना समाप्त कराने से गुस्साए आरएलडी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को बड़ौत कार्यालय पर जिला प्रशासन के खिलाफ मीटिंग आयोजित की. इस मीटिंग में किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए गांव-गांव सम्पर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है.
पुलिस प्रशासन के खिलाफ आयोजित मीटिंग. धरने पर रहे एक किसान ने अपनी शरीर पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज में लगी चोट को दिखाते हुए कहा कि रात को हम धरनास्थल पर सोए हुए थे, तभी पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया. जितने भी लोग थे, बुजुर्ग व बच्चे, सभी घायल हुए हैं. हम लोग इनके खिलाफ कोर्ट जाएंगे और केस लड़ेंगे. इस मौके पर आरएलडी के जिलाध्यक्ष सुखबीर सिंह गठीना भी मौजूद रहे.