बागपतःसांसद डॉ. सत्यपाल सिंह शनिवार को अलीपुर के टूटे तटबंध का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने तंटबध टूटने को लेकर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यमुना के जलस्तर बढ़ने से किसानों और ग्रामीणों के नुकसान की रिपोर्ट बनाने को भी कहा. सासंद ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर पीड़ितों को मुआवजा दिलाया जाएगा. तटबंध के निरीक्षण के बाद सांसद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने तटबंध टूटने और बाढ़ को लेकर जानकारी दी. इसके अलावा उन्होंने अपने बंगाल के दौरे को लेकर भी बातचीत की. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ममता की 'ममता' खत्म हो गई है, सब जगह ममता की 'निर्ममता' दिखाई देती है. वहीं, दिल्ली में आई बाढ़ को लेकर बीजेपी पर आरोप लगा रहे सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान पर डॉ. सत्यपाल ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि ये बेबुनियाद बयानबाजी है. मुझको लगता हैं उनके दिमाग के पेंच ढीले हो गए हैं.
नहीं देखी थी ऐसी हिंसा:दरअसल, बंगाल में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में हिंसा के बाद बीजेपी ने एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसने हिंसा के बाद बंगाल जाकर वहां की जमीनी हकीकत और हिंसा की वजहों का जायजा लिया. इस कमेटी में बागपत के सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह भी शामिल थे. शनिवार को प्रेस वार्ता में सांसद ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि वहां का दृश्य दिल को दहला देने वाला था. उन्होंने आज तक ऐसी हिंसा नहीं देखी थी. हिंसा में करीब 48 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकतर लोग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे.
लोकतंत्र की हत्या: सांसद ने कहा कि हम लोग दक्षिण बंगाल और उत्तरी बंगाल दोनों जगह गए. चुनाव के लिए फार्म न भर सके, नामांकन न कर सके. लोगों को इसके लिए भी धमकी दी गई, उनको पीटा गया. कुछ लोगों ने नामांकन कर दिया तो उनको नामांकन वापस लेने को कहा गया. जिन्होंने नामांकन वापस नहीं लिया, उनको पीट-पीटकर मार दिया गया. इसके साथ ही मतदाताओं के घर तोड़े गए, गोलियां चलाई गईं. यह सब देखकर तो ऐसा लगता है कि राज्य में ममता की 'ममता' खत्म हो गई है. सब जगह ममता की 'निर्ममता' दिखाई देती है. ये लोकतंत्र की हत्या है. सत्ता किसी के पास भी हो सकती है. सत्ता का दुरुपयोग न हो, कोई भी पार्टी जो पावर में आती हैं, उसके लिए सब लोग बराबर हैं. वोट दे या न दे. हिंसा करना बहुत गलत है.