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केवल सियासी फायदे के लिए है यूपी की नई जनसंख्या नीति : यासीन उस्मानी - yasin usmani

उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी के पूर्व चेयरमैन और वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता यासीन उस्मानी ने यूपी की नई जनसंख्या नीति पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि नई जनसंख्या नीति का मकसद केवल सियासी फायदा उठाना है.

यासीन उस्मानी
यासीन उस्मानी

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Published : Jul 13, 2021, 4:43 PM IST

बदायूं : योगी सरकार ने यूपी की नई जनसंख्या नीति 2021-30 (Uttar Pradesh Population policy 2021-2030) का ऐलान कर दिया है. अब इसके समर्थन और विरोध में लोगों ने बयान देना शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी के पूर्व चेयरमैन एवं वरिष्ठ सपा नेता यासीन उस्मानी (Yasin Usmani) ने यूपी की नई जनसंख्या नीति को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह कानून चुनाव से पूर्व सिर्फ सियासी फायदा उठाने के लिए बनाया जा रहा है.


राज्य की नई जनसंख्या नीति में दो बच्चों की नीति को बढ़ावा दिया गया है. दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति को इस नीति के लागू होने के बाद तमाम तरह की सुविधाएं नहीं मिलेंगी. इसको लेकर प्रदेश में बहस छिड़ी हुई है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी के पूर्व चेयरमैन यासीन उस्मानी ने 2022 विधानसभा चुनाव से पहले इस नीति को लागू करने के पीछे सियासी खेल बताया है. यासीन उस्मानी अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.

बयान देते यासीन उस्मानी
यासीन उस्मानी ने कहा कि पूरे समाज के लिए जब कोई कानून बनाया जाता है तो उसमें हर बात का ख्याल रखा जाता है. जबरदस्ती किसी पर कानून थोपा नहीं जाता. उन्होंने कहा कि आदमी की आजादी पर कानून के जरिए पाबंदी नहीं लगानी चाहिए.उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के पूर्व चेयरमैन यासीन उस्मानी ने कहा कि बगैर किसी के साथ बातचीत किए चुनाव से 5-6 महीने पहले इस तरीके का कानून बनाया जाना, इसके सियासी मकसद को ही दिखाता है. उन्होंने कहा कि इंसान इस बात के लिए आजाद है कि उसके घर में कितने बच्चे हों या ना हों. यह आजादी उसे कुदरत ने दी है. उस्मानी ने कहा कि वह इस इन जनसंख्या नीति से इत्तेफाक नहीं रखते.
यासीन उस्मानी

उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030 (Uttar Pradesh Population policy 2021-2030) के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी. इसके साथ ही उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता, बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या में स्थिरता लाने के प्रयास भी किए जाएंगे. इसके साथ ही इस नीति का उद्देश्य 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है. साथ ही नव विवाहितों में परिवार नियोजन के साधनों को प्रोत्साहित करने के लिए 'शगुन किट' दी जाएगी. राज्य की नई जनसंख्या नीति के लिए यूपी सरकार (UP government) ने 19 जुलाई तक जनता से सुझाव मांगे हैं.

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