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बदायूं: सपा में आते ही विवादों में घिरे शेरवानी, जानें क्या है मामला

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सलीम इकबाल शेरवानी ने सपा का दामन थाम लिया है. वो 2019 के लोकसभा चुनाव में बदायूं लोकसभा सीट से धर्मेंद्र यादव के खिलाफ मैदान में थे. इस दौरान उन्होंने तमाम राजनीतिक बयानबाजी भी की थी. अब सलीम इकबाल के सपा में शामिल होते ही उनका एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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सलीम इकबाल शेरवानी .

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Published : Oct 31, 2020, 6:33 AM IST

बदायूं: 2019 का लोकसभा चुनाव बदायूं की राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा. इस चुनाव में बदायूं की सरजमी पर तीन दिग्गजों मैदान में थे. इनमें से एक सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के भाई और बदायूं से उस वक्त के सांसद धर्मेंद्र यादव सपा के प्रत्याशी थे. कांग्रेस ने पांच बार सांसद रहे सलीम इकबाल शेरवानी को टिकट दिया था. भारतीय जनता पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी डॉक्टर संघमित्रा मौर्य को चुनाव में उतारा था. बता दें कि इस चुनाव में संघमित्रा मौर्य ने समीकरणों को ध्वस्त कर जीत हासिल की थी.

सलीम इकबाल शेरवानी .

प्रदेश में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सलीम इकबाल शेरवानी ने सपा का दामन थाम लिया है. बता दें कि पिछले चुनाव में वह बदायूं लोकसभा सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में थे. इस दौरान उन्होंने तमाम राजनीतिक बयानबाजी भी की थी. अब सलीम इकबाल के सपा में शामिल होते ही उनका एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

2019 की चुनावी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सलीम इकबाल ने कहा था कि 'मैं भी अगर किसी मुख्यमंत्री का भाई या भतीजा होता तो इतना विकास करवा देता की जनता याद रखती. साथ ही उन्होंने अपनी सफाई में यह भी कहा कि मैं जब बदायूं से सांसद रहा तो मैंने किसी को खनन का ठेका नहीं दिया'. सलीम इकबाल के सपा में शामिल होने के बाद उनका ये बयान तेजी से वायरल हो रहा है.

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