बदायूं:बदायूं की दातागंज (117) विधानसभा सीट(Dataganj Assembly)जनपद की प्रमुख विधानसभा सीट है और इस सीट पर समयानुसार विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी विजयी होते रहे हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार में इस क्षेत्र में नहरों का जाल बिछाया गया था. उससे पहले यह क्षेत्र नहर विहीन था और यहां मेंथा की खेती बहुतायत में की जाती है, जिसमें पानी की खपत बहुत अधिक होती है. इसी को देखते हुए सपा शासन में यहां नहर परियोजना लाई गई. लेकिन दुख की बात यह है कि इन नहरों में आज तक पानी नहीं पहुंच सका. वहीं, साल 2017 की मोदी लहर में इस सीट से भाजपा के राजीव कुमार सिंह को सफलता मिली और वे चुनाव जीत विधायक बने.
बदायूं की दातागंज (117) विधानसभा सीट से 2002 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रेमपाल सिंह यादव चुनाव जीते थे, जो वर्तमान में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं तो वहीं, 2007 के चुनाव में बसपा के सिनोद कुमार शाक्य यहां से विधायक चुने गए. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर लगातार दूसरी बार बसपा की जीत हुई और सिनोद शाक्य लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए, लेकिन 2017 में मोदी लहर के चलते यह सीट भाजपा के खाते में चली गई और भाजपा के राजीव कुमार सिंह यहां से करीब 26 हजार मतों से विजयी हुए.
अगर बात 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर क्षेत्र में बिनते बिगड़ते सियासी समीकरण की करें तो यहां अबकी भाजपा के पक्ष में समीकरण बनते नहीं दिख रहे हैं. वहीं, दो बार बसपा से विधायक रहे सिनोद कुमार शाक्य ने अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है और पार्टी से टिकट की दावेदारी ठोक दी है. हालांकि, इस सीट पर सपा से कई और मजबूत दावेदार हैं, जिन में मुख्य रूप से कैप्टन अर्जुन, अवनीश यादव और नत्थू राम कश्यप के नाम शामिल हैं. ऐसे में यहां सपा के लिए भी टिकट वितरण बड़ी मुसीबत है, क्योंकि किसी एक की नाराजगी का असर सीधे तौर वोट बैंक पर पड़ेगा.
इधर, बात अगर भाजपा की करें तो सरकार के साढ़े चार साल के कामों को गिनाते हुए विधायक राजीव कुमार सिंह का कहना है कि क्षेत्र के लोगों की प्रमुख मांग बाईपास की थी, जिसके लिए उन्होंने बदायूं से दातागंज होते हुए तिलहर और पुवायां तक स्टेट हाईवे घोषित करवा कर 600 करोड़ की लागत से इसके चौड़ीकरण की घोषणा हो गई है और जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विकास के कार्यों को बहुत तेजी से करवा रही है और उनका दावा है कि इस बार क्षेत्र जनता उन्हें ऐतिहासिक मतों से विजयी बनाएगी. इतना ही नहीं आगे उन्होंने यह भी दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 350 से अधिक सीटें जीतने जा रही है.