बदायूं:कोरोना काल में तमाम ऐसे मंजर देखने को मिले, जिसमें लोग अपने परिजनों को असहाय छोड़कर उनसे दूर भाग गए, लेकिन तमाम चेहरे इस दौरान ऐसे भी सामने आए, जिन्होंने आगे बढ़कर ऐसे लोगों की सहायता की. ताजा मामला जिले के बिल्सी थाना क्षेत्र का है, जहां 2 बेटों के होते हुए भी मां-बाप ईंट-भट्टे पर बनी कोठरी में असहाय रहने को मजबूर थे. इस दौरान वहां पर उनकी हालत बिगड़ गई. उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था. जब इसकी जानकारी पुलिस को वह बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए आगे आई.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बिल्सी थाना क्षेत्र में बरेली के बिशारतगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले बुजुर्ग दम्पत्ति रामनाथ और शारदा रहते हैं. रामनाथ इलाके के एक मंदिर में पुजारी का काम करते थे. इनके दो बेटे हैं, जिनका नाम जय और वीरू है, जिनमें से जय बाबा बन गया और वीरू नशेड़ी. इससे उनके बुजुर्ग मां-बाप असहाय हो गए और इधर-उधर मांग कर अपना जीवन यापन करने लगे. इस दौरान वे इलाके के एक ईंट-भट्टे पर बनी कोठरी में रहने लगे.