बदायूं: जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज में सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त भी शामिल हुए. डीएम ने बताया कि भारत में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा माना जाता है. समाज में सभी लोग चिकित्सकों को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखते हैं और चिकित्सकों पर पूर्ण विश्वास करते हैं. चिकित्सकों को भी उसी प्रकार अपने रोगियों का ध्यान रखना चाहिए.
बदायूं: राजकीय मेडिकल कॉलेज में हुआ सेमिनार का आयोजन, डीएम हुए शामिल
यूपी के बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में डीएम भी शामिल हुए. वहीं इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज में बीएसएल लैब-2 चलाने का कार्य प्रारंभ हो गया है.
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद-21 में व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, जो कि रोगियों पर भी लागू होती है. चिकित्सकों को उपचार करते समय रोगियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और उपचार में विकल्प पर ध्यान देना चाहिए. प्रधानाचार्य डॉ. आरपी सिंह ने व्यक्तिगत अनुभव बताते हुये इस बात पर जोर दिया कि चिकित्सकों की बोली भाषा इस प्रकार की होनी चाहिये कि चिकित्सक की भाषा से रोगी को ठेस न पहुंचे. यह विश्वास दिलाना चाहिए कि आप शीघ्र स्वस्थ्य हो जायेंगे.वर्तमान में कोविड-19 महामारी के दौरान रोगियों के परिजन भी रोगी से दूरी बना रहे हैं. ऐसे में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टॉफ को रोगियों की सेवा में और ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
इस अवसर पर कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए शासन के निर्देशानुसार राजकीय मेडिकल कॉलेज में बीएसएल लैब-2 चलाने का कार्य प्रारंभ हो गया है. सेमिनार के बाद जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में बीएसएल लैब-2 में फर्नीचर सेटिंग कार्य का निरीक्षण किया. इस लैब में कोविड़-19 के मरीजों आरटीपीसीआर की जांच होगी. डीएम ने ठेकेदार को निर्देश दिए कि 25 अगस्त तक लैब का कार्य कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए, जिससे टेस्ट का कार्य समय से प्रारंभ हो सके.