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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में घोटाला, 117 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज

बदायूं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया है. इसमें तहसील प्रशासन और सीएससी संचालक के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा किया गया था. इस मामले में 115 फर्जी किसान, लेखपाल और सीएससी संचालक पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में घोटाला
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में घोटाला

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Published : Dec 17, 2020, 12:14 PM IST

बदायूं: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में तहसील प्रशासन और सीएससी संचालक के साथ मिलकर किया गया फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. फर्जी किसान तैयार कर सरकार से धन लेते रहे. शिकायत के बाद जांच में फर्जीवाड़े का खुलासे के बाद मामले को दबाए रहने पर डीएम की फटकार के बाद आखिरकार प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. जिसमें 115 फर्जी किसान, लेखपाल और सीएससी संचालक शामिल हैं.

ये था पूरा मामला
जिले की बिल्सी तहसील में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया है. डीएम कुमार प्रशांत के आदेश पर एसडीएम बिल्सी आरबी सिंह ने कोतवाली में धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें बिल्सी तहसील में तैनात लेखपाल विनोद कुमार सिंह व सीएससी संचालक रोहित कुमार और 115 अपात्र किसानों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. इन अपात्र किसानों के नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में शामिल करके अब तक करीब 50 लाख रुपये से अधिक का घोटाला किया गया है. दो महीने पहले तहसील के गांव हरगनपुर निवासी मदनपाल ने शिकायत की थी, जिस पर कृषि विभाग ने जांच कर सूची तैयार की थी, तो 531 लोगों की सूची जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन को सौंपी थी. इस सूची के बाद कार्रवाई नही हुई, तो गांव निवासी मदन पाल ने दो दिसंबर को डीएम से कहा कि इसके बाद भी एसडीएम ने कार्रवाई नहीं की. सोमवार को शिकायतर्ता डीएम से फिर मिला तो डीएम ने एसडीएम बिल्सी पर बिफर पड़े. तत्काल मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया. तब कहीं जाकर 117 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.

17 अपात्र लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा
जिलाधिकारी ने कहा कि पूरा मामला बिल्सी तहसील के हरगनपुर गांव का है. जहां से एक शिकायत हमें प्राप्त हुई थी. संबंधित एसडीएम को निर्देशित किया गया था कि जाकर जांच करें. वहां पर 531 सम्मान निधि के पात्र लोगों की सूची हमें मिली थी. जब मामले की जांच करवाई गई तो 117 लोगों उसमें अपात्र पाए गए. इस मामले में लेखपाल की मिली भगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. साथ ही साथ सीएससी ऑपरेटर की मिलीभगत का भी अंदेशा है. उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की गई है. अपात्र लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है. इस घपले को देखते हुए पूरे जिले में किसान सम्मान निधि के पात्रों की जांच फिर से करवाई जा रही है.

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