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बदायूं : वायरल वीडियो मामले में संघमित्रा के वकील ने दाखिल किया जवाब

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Published : Apr 21, 2019, 2:04 PM IST

बदायूं में बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्या के वकील ने वायरल वीडियो मामले जवाब दाखिल किया है. वकील का कहना है कि वीडियो एडिटिंग हुआ प्रतीत होता है, ये विरोधियों की साजिश है. बता दें कि वायरल वीडियो में संघमित्रा मौर्या वोटरों से कह रही थी, पर्ची हो तो कुछ फर्जी वोट डाल सकते हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते संघमित्रा मौर्या के वकील.

बदायूं : जिले से बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह कार्यकर्ताओं से फर्जी वोटिंग करने की अपील करती नजर आ रही है. वायरल वीडियो में बीजेपी प्रत्याशी सभा के दौरान कहती हैं कि यदि कोई व्यक्ति न हो तो मौका मिलने पर उसकी पर्ची पर फर्जी वोट डाल लेना. जिसको लेकर संघमित्रा से जिला निर्वाचन अधिकारी ने जबाब मांगा था. बीजेपी प्रत्याशी के वकील की तरफ से वायरल वीडियो पर जवाब दाखिल कर दिया गया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते संघमित्रा मौर्या के वकील.


बदायूं में दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्या को बीजेपी ने टिकट दिया है. वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने बदायूं से वर्तमान सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को एक बार फिर मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने पांच बार बदायूं से सांसद रह चुके सलीम इकबाल शेरवानी को मैदान में उतारा है.


चुनावी घमासान अपने आखिरी चरण में है और आज 5 बजे चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा. इस दौरान कोई भी नेता अपने कार्यकर्ताओं को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. इसके लिए जमकर बयानबाजी भी चल रही है. शनिवार को संघमित्रा मौर्य का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह वोटरों से कह रही थी पर्ची हो तो कुछ फर्जी वोट डाल सकते हैं.


वहीं पूरे मामले पर बीजेपी प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य के वकील जितेंद्र गुप्ता की तरफ से आज जवाब दाखिल किया गया. वकील जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि जो वीडियो वायरल हुआ है, वह एडिटिंग हुआ प्रतीत हो रहा है. ये विरोधियों की साजिश है, जिससे हमारे प्रत्याशी का मनोबल गिरे और चुनाव के दौरान वह अच्छा प्रदर्शन न कर सके. हमने हर सभा की परमिशन ली हुई है. प्रशासन के वीडियो ग्राफर द्वारा सभा की वीडियो ग्राफी की जाती है. प्रत्याशी के पीछे लगे बैनर पर हमारी पार्टी के बड़े नेताओं की कोई तस्वीर प्रतीत नहीं होती है न ही पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल कहीं दिखाई दे रहा है.

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