बदायूं:भगवान राम के द्वारा रावण वध को दशहरे के पर्व के रूप में मनाया जाता है. भारतीय संस्कृति में राम को नायक माना जाता है. जिले में रावण का एक मंदिर है जहां रावण की विधिवत पूजा होती है. दशहरे के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा होती है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस दिन शादी की मन्नत मांगने वालों की मुराद जल्द पूरी होती है.
साहूकारा मोहल्ले में स्थित है रावण का प्राचीन मंदिर
बदायूं शहर के साहूकारा मोहल्ले में रावण का प्राचीन मंदिर स्थित है. इस मंदिर में रावण की विशालकाय प्रतिमा विराजमान है. रावण की यह प्रतिमा भगवान शिव की तरफ आराधना करते हुए दिखाई गई है. इसके पीछे तर्क यह है कि रावण शिव का भक्त था और शिव जी ने उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया था. कहा जाता है कि रावण परम ज्ञानी था. वह जानता था कि सीता माता लक्ष्मी जी का अवतार हैं और इसीलिए वह सीता जी का हरण करके ले गया. इस तर्क को मानने वाले आज भी रावण की पूजा करते हैं.