बदायूं: केंद्र और यूपी सरकार के वादे के बाद भी कुम्हारों के अच्छे दिन का सपना सच होता नहीं दिख रहा है. उन्हें बर्तन बनाने के लिए अब मिट्टी भी नहीं मिल पा रही है, जिसके कारण उन्हें मिट्टी खरीदकर बर्तन बनाना पड़ रहा है. जो काफी महंगा भी पड़ रहा.
कुम्हारों को आज भी अच्छे दिन आने का इंतजार है. मिट्टी नहीं मिलने से अब उनकी मुसीबत और बढ़ गई है. जिन बर्तनों को बनाकर वह अपना भरण-पोषण कर रहे थे अब उन्हें उसी के लिए मिट्टी नहीं मिल पा रही है. मिट्टी खरीदकर बर्तन बनाने से उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है.