बदायूं:जिले के बिल्सी ब्लॉक में एक कोटेदार ने गरीब दिव्यांग के खाद्यान्न पर डाका डालने का काम किया है. गरीब दिव्यांग परिवार गांव के ही लोगों से राशन मांगकर परिवार का पेट पालने को मजबूर है. वहीं जब गरीब परिवार अपना खाद्यान्न मांगता है तो कोटेदार उन्हें उल्टी-सीधी बातें सुनाकर भगा देता है. इस मामले की जानकारी जब जिलापूर्ति अधिकारी को ग्रामीणों द्वारा दी गई तो उन्होंने मामले पर जांच बैठा दी है.
दिव्यांग के राशन कार्ड में लालच का खेल. बदायूं जिले के बिल्सी ब्लॉक के खैरी गांव में एक गरीब परिवार का मिलने वाला खाद्यान्न कोटेदार हर महीने हजम कर जाता है, जिससे उस गरीब परिवार को खाद्यान्न नहीं मिलता. वह परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है. दिव्यांग परिवार किसी तरह परिवार की गुजर-बसर कर रहा है. दरअसल कोटेदार अशरफ अली ने अपने दो बच्चों को गरीब तालिब अली के अंतोदय कार्ड में सम्मिलित करा दिया, जिसके जरिए वह हर महीने वाले खाद्यान्न को अपने बच्चे के अंगूठा लगाकर प्राप्त कर लेता है, जब गरीब तालिब अली राशन लेने पहुंचता है तो उसे कोटेदार गाली देकर भगा देता है. दिव्यांग के राशन कार्ड में कोटेदार के बच्चों का नाम ये भी पढ़ें-कोरोना की दवा ढूंढ ले पाकिस्तान तो धुल जाएंगे पाप: इकबाल अंसारी
स्थानीय लोगों का कहना है कि तालिब अली तीन बहन भाई हैं, जो कि बोल और सुन नहीं सकते. इतना ही नहीं पैरों से चलने में भी असमर्थ हैं, लेकिन ऐसे परिवार का मिलने वाला खाद्यान्न कोई कोटेदार खा जाए तो वाकई चिंता का विषय है, जबकि प्रदेश सरकार गरीबों की मसीहा के रूप में मदद कर रही है, लेकिन इस तरीके के कोटेदारों ने मानवता को शर्मसार करने में कसर नहीं छोड़ी.
खैरी के रहने वाले शामे अली ने बताया कि तालिब अली की कोई शादी नहीं हुई और न ही कोई बच्चा है. बावजूद इसके कोटेदार ने अपने दो बच्चे अरशुमा खान और हिफजा खान को तालिब अली के कार्ड में जोड़कर उनका बेटा व बेटी बना दिया और हर महीने का मिलने वाला राशन हजम करने लगा, जब बात कई लोगों के कान तक पहुंची तो सभी लोगों ने तालिब अली की मदद को हाथ बढ़ाए और मामले की शिकायत बदायूं के जिलापूर्ति अधिकारी से की है. जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि मामले की जांच करवाई जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.