बदायूंः सहसवान तहसील परिसर में शनिवार को बसपा नेता ने जहर खा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई. परिजनों ने कानूनगो और एसडीएम सहसवान पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. वहीं बसपा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और इनको बर्खास्त किया जाए.
बसपा नेता की जहर खाने से मौत. परिजनों ने लगाये आरोप
पूरा मामला सहसवान थाना क्षेत्र इलाके का है. सहसवान तहसील परिसर में शनिवार को बसपा के पूर्व पदाधिकारी ने जहर खा लिया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. हरवीर नाम का व्यक्ति अपनी असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय श्रेणी में परिवर्तित कराने के लिए तहसील के चक्कर लगा रहा था. परिजनों का आरोप है कि कानूनगो ने इस काम के उससे पैसे भी ले लिए थे. साथ ही साथ एसडीएम ने भी मामले में पैसे लिए थे. उसके बाद भी यह दोनों लोग काम नहीं कर रहे थे, जिससे परेशान होकर हरबीर ने तहसील परिसर में ही जहर खा लिया.
50 लाख मुआवजे की मांग
घटना के बाद तहसील में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में हरबीर को उपचार के लिए बदायूं जिला अस्पताल लाया गया, जहां से उसे बरेली रेफर कर दिया गया. लेकिन रास्ते में ही हरवीर की मौत हो गई. परिजन और बसपा पदाधिकारी कार्यकर्ता इस बात पर अड़े हुए हैं कि एसडीएम के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई तत्काल की जाए और परिवार को 50 लाख मुआवजा दिया जाए.
एसडीएम पर कार्रवाई की मांग
पूरे मामले पर बसपा जिलाध्यक्ष लाखन सिंह का कहना है कि हरवीर हमारी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता थे. एसडीएम सहसवान ने उनसे पैसा ले लिया उसके बाद भी उनका काम नहीं किया. हमारी मांग है कि एसडीएम के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाए.
कानूनगो सस्पेंड
पूरे मामले पर एसएसपी संकल्प शर्मा का कहना है कि प्रकरण सहसवान तहसील से संबंधित है, जिसमें हरबीर नाम के एक व्यक्ति ने विषाक्त पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया. परिजनों द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं उनमें प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर जिलाधिकारी के आदेश पर कानूनगो को निलंबित कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त एक विस्तृत जांच भी जिलाधिकारी द्वारा मामले की करवाई जा रही है. मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिए जाने की कार्रवाई की जा रही है.