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बदायूं: गोशाला चलाने में असमर्थ ग्राम प्रधान ने दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश के बदायूं में गोशाला चलाने में असमर्थ ग्राम प्रधान ने वाट्सएप के जरिए डीएम को अपना इस्तीफा भेज दिया. दरअसल प्रधान का आरोप है कि गोशाला चलाने के लिए उसे हर महीने अपनी जेब से 15 से 20 हजार रुपये खर्च करना पड़ता था.

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Published : Jan 21, 2020, 5:55 PM IST

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गोशाला चलाने से असमर्थ ग्राम प्रधान ने दिया इस्तीफा.

बदायूंः जिले के ग्राम पंचायत रफियाबाद के गो संरक्षण केंद्र में वजीरगंज के गांव से करीब डेढ़ सौ गायों को भेज दिया गया. इससे परेशान ग्राम प्रधान ने वाट्सएप के जरिए डीएम को अपना इस्तीफा भेज दिया. ग्राम प्रधान का आरोप है कि गोशाला में चारे की व्यवस्था के लिए उसकी जेब से हर माह 15 से 20 हजार रुपये खर्च होते हैं. प्रशासन इसके लिए कोई धन उपलब्ध नहीं करवाता.

ग्राम प्रधान ने दिया इस्तीफा
जिले के सलारपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत रफियाबाद में गो संरक्षण केंद्र इन दिनों भेज दी गई अतिरिक्त गोवंश की वजह से अखाड़ा बनता नजर आ रहा है. यहां के ग्राम प्रधान राजेश कुमार का आरोप है कि गोवंश के रख-रखाव और चारे की व्यवस्था जिला प्रशासन नहीं कर रहा है. सारी व्यवस्थाएं प्रधान द्वारा की जा रही है.

गोशाला चलाने में असमर्थ ग्राम प्रधान ने दिया इस्तीफा.

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वाट्सएपके जरिए डीएम को भेजा इस्तीफा
ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि रफियाबाद की गोशाला में 200 से अधिक गोवंश पहले से ही मौजूद थे, लेकिन बगैर किसी आदेश के लगभग डेढ़ सौ गोवंश और भेज दिए गए. साथ ही ग्राम प्रधान ने बताया कि वह हर माह अपनी जेब से 15 से 20 हजार रुपये गोशाला के रख-रखाव और चारे पर खर्च कर रहा था. अतिरिक्त गोवंश आ जाने से परेशान ग्राम प्रधान ने वाट्सएप के जरिए डीएम को अपना इस्तीफा भेज दिया.

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इस्तीफा सौंपने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे प्रधान
मंगलवार को ग्राम प्रधान स्वयं जिलाधिकारी से मिलने और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे. ग्राम प्रधान राजेश कुमार का कहना है कि उन्हें 15 दिन के लिए वृहद गो संरक्षण केंद्र को चलाने के लिए कहा गया था. उसके बाद यह किसी संस्था को हैंडओवर करने की बात कही गई थी. गोशाला खर्च पर प्रधान ने कहा कि विभाग पंचायत फंड से एडजस्ट करने को कहता है.

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