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राजनीति में न कोई परमानेंट दोस्त होता है और न दुश्मन- सलीम इकबाल शेरवानी - बदायूं की ख़बर

बदायूं में पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सलीम इकबाल शेरवानी बदायूं पहुंचे. वो आज ककराला में वोट जोड़ों बूथ जीतो कार्यक्रम में शिरकत करने आए हैं.

'राजनीति में न कोई परमानेंट दोस्त होता है और न दुश्मन'
'राजनीति में न कोई परमानेंट दोस्त होता है और न दुश्मन'

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Published : Oct 16, 2021, 5:15 PM IST

बदायूंः पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सलीम इकबाल शेरवानी बदायूं में पार्टी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान वो पूर्व एसपी नेता आबिद रजा के आवास पर गए और उनसे मुलाकात की. आबिद रजा के एसपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में न कोई परमानेंट दोस्त होता है न कोई परमानेंट दुश्मन.

2022 का विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आता जा रहा है. राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने मोहरे सेट करने लगी हैं. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सलीम इकबाल शेरवानी आज बदायूं पहुंचे. उन्हें जिले के ककराला में होने वाले वोट जोड़ों बूथ जीतो कार्यक्रम में शामिल होना है. कार्यक्रम में जाने से पूर्व उन्होंने पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की. दरअसल आबिद रजा इन दिनों समाजवादी पार्टी से बाहर है. वो 2022 का चुनाव बदायूं विधानसभा से ही लड़ेंगे. इसको लेकर वो तैयारियों में लगे हुए हैं. सलीम शेरवानी और आबिद रजा की इस मुलाकात को राजनैतिक गलियारों में फिर से उनकी घर वापसी के रूप में भी देखा जा रहा है.

'राजनीति में न कोई परमानेंट दोस्त होता है और न दुश्मन'

पत्रकारों से बात करते हुए सलीम इकबाल शेरवानी ने कहा कि मैं समझता हूं कि बदायूं में मौजूदा हालातों में समाजवादी पार्टी कमजोर हुई है. उस कमजोरी को हमें दूर करना है. इसके लिए लोगों को साथ जोड़ने का काम करना है. वो मैं करूंगा ताकि बदायूं की राजनीति को मैं उसी स्तर पर ले जाऊं, जिसपर वो पूर्व में थी. उन्होंने कहा कि आबिद रजा ने समाजवादी पार्टी छोड़ी और मैने पिछले चुनाव में मेरे साथ रहे दो लोग सियासत में ऐसे हैं, जिन्हें वो बहुत प्यार करते हैं. एक मैं और दूसरे आजम खान. आजम खान के साथ जो कुछ हो रहा है, वो आपके सामने हैं. उन्होंने कहा कि एक ओवैसी है, जो दुनिया भर की बुराइंया करते हैं. लेकिन इसके बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. जबकि आजम खान पर तमाम मुकदमे दर्ज करवा दिए गए हैं. धर्मेंद्र यादव और आबिद रजा के बीच तनाव के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राजनीति में न तो कोई परमानेंट दोस्त होता है न कोई परमानेंट दुश्मन.

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