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बदायूं: काले गेहूं की पैदावार से किसानों की बढ़ेगी आय

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Published : Oct 22, 2020, 1:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में गुरुवार को किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने किसानों को उन्नत फसल की पैदावार के बारे में जानकारी दी. साथ ही काले गेहूं के बीज भी वितरित किया गया.

काले गेहूं का किया गया वितरण.
काले गेहूं का किया गया वितरण.

बदायूं: गुरुवार को कलक्ट्रेट स्थित अटल सभागार में किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर डीएम कुमार प्रशांत ने किसानों को संबोधित करते हुए उन्नत फसल की पैदावार के बारे में जानकारी दी. डीएम ने किसानों को काले गेहूं की पैदावार के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि काले गेहूं से किसान की आय दोगुनी हो सकती है. साथ ही इस मौके पर किसानों को गेहूं का बीज भी वितरित किया गया.

दातागंज विधायक ने गिनाई उपलब्धियां
अटल सभागार में विकास स्तरीय किसान गोष्ठी के आयोजन में दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है. पीएम मोदी और सीएम योगी ने किसानों की आय को दोगुना करने, किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को मजबूत करने और किसानों का ऋण माफ करने के लिए कार्य किया है.

जिलाधिकारी से बातचीत.

पीएम मोदी ने कोरोना काल के बाद भी 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत का पैकेज दिया है. किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार सभी प्रकार की व्यवस्था कर रही है. किसान नई तकनीकी के माध्यम से खेती करके अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि आज किसान को स्वतंत्रता दी जा रही है, जिसके तहत किसान अपनी फसल अन्य जिलों में भी ले जा सकते हैं, उन्हें कोई रोकटोक नहीं है. सरकार किसानों के हित के सभी कार्य कर रही है और आगे भी करती रहेगी. किसान देश का अन्नदाता है, अन्नदाता की मेहनत से देश को गति और विकास मिल रहा है. काले गेहूं की पैदावार से किसान की आय में बढ़ोतरी होगी.

काले गेहूं का किया गया वितरण.

काले गेहूं के उत्पादन से फायदे
जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने बताया कि जिले में काले गेहूं का बीज मंगाया गया और किसानों को वितरित किया गया. काले गेहूं की बहुत डिमांड है. तमाम बीमारियों से ग्रसित मरीज इसे खाते हैं. किसानों को इसके उत्पादन में किस प्रकार की सावधानियां बरतनी है, इसके तरीके बताए गए हैं. जिला प्रशासन का प्रयास रहेगा कि इस वर्ष जो बीज का उत्पादन हो, उससे अगले वर्ष इस फसल का रकबा बढ़ाया जाए और ज्यादा एरिया में इसकी पैदावार की जाए. इससे नॉर्मल गेहूं के मुकाबले किसान को ज्यादा आय होगी.

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