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कटरा कांड पर बनी फिल्म 'आर्टिकल 15' पर गहराया संकट, तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप - badayun news

बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र में साल 2014 में दो नाबालिग किशोरियों के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी. उनका शव आम के पेड़ से लटकता हुआ मिला था. इस घटना पर आधारित फिल्म आर्टिकल 15 को लेकर किशोरियों के परिजनों ने फिल्म में तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि वो इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे.

फिल्म आर्टिकल 15 पर तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ कर पेश करने का लगा आरोप.

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Published : Jun 11, 2019, 1:54 PM IST

बदायूं:उसहैत थाना क्षेत्र में साल 2014 में दो किशोरियों के साथ दुष्कर्म कर उनके शव को पेड़ से लटका दिया गया था. साल 2014 में घटित इस घटना पर आर्टिकल 15 नाम से एक फिल्म बनी है. वहीं रिलीज होने से पहले ही यह फिल्म विवादों में आ गई. मृतक किशोरियों के परिजनों का आरोप है कि फिल्म बनाने से पहले उनसे परमिशन नहीं ली गई और फिल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया है.

फिल्म आर्टिकल 15 में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप.

क्या है मामला
⦁ 27 मई 2014 को दो नाबालिग चचेरी बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या कर आम के पेड़ से लटका दिया गया.
⦁ मामला सामने आने के बाद इस घटना का कड़ा विरोध किया गया और दोषियों को फांसी दिलाने की मांग उठी.
⦁ पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई, जिसमें सीबीआई ने बाद में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी.
⦁ क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ किशोरियों के परिजन हाईकोर्ट चले गए, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है.

फिल्म आर्टिकल 15 को लेकर क्या है विवाद
⦁ फिल्म आर्टिकल 15 इसी घटना पर आधारित है.
⦁ किशोरियों के परिजनों का आरोप है कि फिल्म निर्माताओं ने फिल्म में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है.
⦁ उनका कहना है कि आरोपी यादव जाति के हैं, जबकि फिल्म में आरोपियों को ब्राम्हण दिखाया गया है.
⦁ इसके साथ ही किशोरियों के परिजनों को भी दलित दिखाया गया है, जबकि यह लोग पिछड़ी जाति के हैं.
⦁ आरोप है कि फिल्म बनाने से पहले उनसे कोई परमिशन नहीं ली गई, हम फ़िल्म बनाने वालों के खिलाफ कोर्ट में केस करने जा रहे हैं.

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