बदायूं:बदायूं जिला अंतर्गत आने वाले सहसवान विधानसभा (Sahaswan Assembly) (113) क्षेत्र हमेशा से समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव (Samajwadi Party chief Mulayam Singh Yadav)भी इस सीट से 1996 में चुनाव जीत चुके हैं. और तो और 2017 की मोदी लहर में भी यहां से समाजवादी पार्टी के ओमकार सिंह यादव विजयी हुए. बदायूं जिले में यूं तो 6 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से 5 सीटों पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. लेकिन एक मात्र सहसवान विधानसभा सीट ही ऐसी है, जिस पर 2017 में मोदी लहर के बाबजूद भी समाजवादी पार्टी का कब्जा बहाल रहा.
यूं तो सहसवान का इतिहास बहुत ही प्राचीन है. यह नगर 1802 से लेकर 1836 तक जिला मुख्यालय रहा. इसके बाद बदायूं को जिला घोषित कर सहसवान को उसका उपनगर बना दिया गया. कहा जाता है कि यहां सहस्त्रबाहु नाम के राजा थे, जिन्होंने इस नगर को बसाया था.
बाद में इसका नाम बदलकर सहसवान कर दिया गया. सहसवान एक ऐसा क्षेत्र है, जो आज भी कौमी एकता की मिसाल कायम करता है. यहां पर प्राचीन तीर्थ स्थल सरसोता है, जहां एक विशाल कुंड लोगों की धार्मिक आस्था का प्रतीक है.
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सहसवान विधानसभा सीट जनपद की यादव बहुल सीट है. यही कारण है कि भाजपा इस सीट पर 2017 में जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हो सकी. वहीं, क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण ही यहां सपा की जीत सुनिश्चित होते रही है.
इधर, अगर कांग्रेस की सत्ता जाने के बाद की बात की जाए यानी 1990 के बाद कि तो यहां यादव जाति का ही प्रतिनिधि चुना जीतता रहा है. वर्तमान में समाजवादी पार्टी के ओंकार सिंह यादव यहां से विधायक हैं और वे चार बार यहां से विधायक चुने जा चुके हैं. 2007 में प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव ने भी राष्ट्रीय परिवर्तन दल से यहां से विधानसभा का सफर तय किया था.