बदायूं: उसहैत थाना क्षेत्र अंतर्गत सथरा गांव में विगत 2 दिन पहले जघन्य हत्याकांड में सपा नेता राकेश गुप्ता, उनकी पत्नी और मां की उन्हीं के घर में दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई थी. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी और घटना का आरोप राकेश गुप्ता के भाई राजेश गुप्ता ने उनके चिर प्रतिद्वंदी रविंद्र दीक्षित पर लगाया था. इस घटना में रविंद्र दीक्षित, उनके दोनों बेटों और ड्राइवर को नामजद किया गया था. वहीं, दो अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई.
घटना के 2 दिन बाद समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में पीड़ित परिवार से मिलने आज यानी गुरुवार को आ रहा है. डेलिगेशन में पूर्व मंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल, पूर्व विधायक आशीष यादव, विधायक शेखुपुर हिमांशु यादव, विधायक आशुतोष मौर्य, विधायक ब्रजेश यादव, सपा जिला अध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव शामिल रहेंगे. सभी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे. लेकिन, उससे पूर्व घटना को लेकर तमाम तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
मृतक सपा नेता राकेश गुप्ता और बीजेपी नेता रविंद्र दीक्षित के बीच अदावत लगभग 50 वर्षों से चली आ रही थी. इस बीच दोनों पक्षों के 7 लोगों की हत्याएं अब तक हो चुकी हैं. लेकिन, यह ट्रिपल हत्याकांड अपने साथ कुछ सवाल भी छोड़ गया है. फिलहाल, पुलिस ने मृतक के छोटे भाई राजेश गुप्ता की दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही नामजद दो अभियुक्तों को गिरफ्तार भी कर लिया है. लेकिन, इलाके में यह चर्चा आम है कि जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, वह हत्याकांड में शायद शामिल नहीं थे. घटना को अंजाम कोई और ही दे गया. क्योंकि राकेश गुप्ता इलाके के दबंग शख्स थे. उनके घर में हर किसी की एंट्री नहीं थी. प्राइवेट गार्ड उनकी सुरक्षा में रहते थे. लेकिन, जिस दिन यह हत्याकांड हुआ उस दिन उनके प्राइवेट गार्ड भी घर से नदारत थे. घर में सिर्फ राकेश गुप्ता, उनकी मां और बीमार पत्नी ही थी.