बदायूं:जिले में विधवा पेंशन के नाम पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है, जहां 106 अपात्र महिलाओं को फर्जी तरीके से पेंशन का विधवा पेंशन का भुगतान किया जा रहा था. मिली जानकारी के मुताबिक ये 106 महिलाएं खुद को विधवा बताकर पेंशन का लाभ ले रही थीं. वहीं फर्जीवाड़े का ये मामला सामने आने के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी ने जांच करवाकर तत्काल प्रभाव से अपात्रों की पेंशन बंद कर दी है.
106 अपात्रों को दे दी गई विधवा पेंशन. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में कुछ महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया है. इसी तरह कुछ नौकरी कर रही हैं. ऐसी सभी महिलाओं की पेंशन रोकी जा रही है और उन्हें पेंशन के रूप में अब तक दी गई धनराशि की वसूली भी की जाएगी. फिलहाल प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय अपात्रों को पेंशन देने के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के निशाने पर आ गया है. इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है.
सरकार गरीब निराश्रित विधवा महिलाओं को सरकारी सुविधाओं का लाभ देने के लिए कटिबद्ध है. तमाम क्षेत्रों में विधवाओं का सत्यापन करवाकर उन्हें पेंशन प्रदान करने का भरसक प्रयास सरकार की तरफ से किया जा रहा है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से अक्सर सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र महिलाओं को नहीं मिल पाता है. इसके पीछे की वजह यह कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा कागजों में हेरफेर कर अपात्रों को पेंशन प्रदान करने की स्वीकृति दे दी जाती है.
जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार के मुताबिक वर्ष 2020- 21 के वार्षिक सत्यापन में 106 महिलाएं अपात्र पाई गई हैं. इनकी अपात्रता में जो कारण है, वह यह कि उनमें से कुछ महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया है. वहीं इनमें कुछ महिलाओं की जॉब लग गई है. साथ ही जिन अपात्र महिलाओं को पेंशन जारी की गई है, उनके संबंध में बैंकों को लिखकर भेज दिया गया है कि उनसे धनराशि की रिकवरी कर विभागीय खाते में वापस जमा कराई जाए.