आजमगढ़: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जहां तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं तो वहीं पिछले कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को लेकर जनता भी मतदान करने को तैयार है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने जिला पंचायत क्षेत्र चांदपट्टी में लोगों से उनकी समस्याओं को लेकर खास बातचीत की.
पंचायत चुनाव को लेकर जहां लोगों में दिलचस्पी बढ़ गई है तो वहीं भावी उम्मीदवार जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं. ऐसे में जनता की क्या समस्याएं हैं और उनका पंचायत चुनाव को लेकर क्या रुझान है, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ग्रामीण इलाकों में जनता के बीच पहुंच रही है.
सिर्फ वादे हुए
जनपद मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर जिला पंचायत क्षेत्र चांदपट्टी के ग्रामीणों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उनका कहना था कि सिर्फ यहां वादे हुए हैं, जबकि विकास के नाम पर हकीकत वादों से कोसो दूर है. यहां न तो नालियों की अच्छी व्यवस्था और न ही सड़के सही हैं.
देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट. चुनाव जीतने के बाद नहीं दिखे प्रतिनिधि
जिला पंचायत क्षेत्र चांदपट्टी के अंतर्गत आने वाले करखिया रुस्तम सराय के रहने वाले रुद्र प्रताप सिंह का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद आज तक जिला पंचायत सदस्य नहीं दिखे. युवाओं ने उन्हें युवा समझ कर वोट दिया था, लेकिन वह वोट लेने तो आये, लेकिन उसके बाद गांव का रास्ता भूल गए.
छोटी मंडियों की नहीं है कोई व्यवस्था
जिला पंचायत क्षेत्र के निवासी अंकित सिंह का कहना है कि किसानों के लिए कोई छोटे बाजार या मंडी की व्यवस्था नहीं है, जिससे कि वह अपनी सब्जियों को या अपने सामानों को स्थानीय स्तर पर बेच सकें. जनप्रतिनिधि तो बार-बार बजट का आवंटन करवाते हैं, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो पाती. अंकित ने बताया कि इस क्षेत्र को यहां के जनप्रतिनिधियों ने हमेशा से पीछे रखा हुआ है.
स्कूल है, लेकिन नहीं आते टीचर
छात्र अनुराग सिंह ने बताया कि शिक्षा को लेकर यह क्षेत्र पिछड़ा है. यहां सरकारी इंटर कॉलेज तो है, लेकिन उसमें अध्यापक समय पर आते नहीं हैं. इसलिए यहां के बच्चों को दूसरी जगह जाकर पढ़ना पड़ता है, जबकि अध्यापकों को बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में मोटी तनख्वाह मिलती है.
सड़कें, नाली और प्रकाश की नहीं है व्यवस्था
समाजसेवी राजबहादुर सिंह ने बताया कि यहां विकास के नाम पर सिर्फ धोखा हुआ है. यहां न तो बढ़िया सड़क है, न ही नाली और न ही प्रकाश की व्यवस्था है. इसलिए इस बार जनता उसे ही चुनेगी, जिसमें विकास करने की ललक दिखेगी.
विकास हुआ पर थोड़ा, आवास है जीरो
क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) वीरेंद्र सिंह ने बताया कि थोड़ा बहुत विकास कार्य हुआ है, लेकिन आवास के नाम पर उनकी ग्राम पंचायत शून्य है. यहां किसी को आवास का लाभ नहीं मिला है, जबकि खड़ंजा और नाली का काम थोड़ा बहुत हो रहा है.