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आजमगढ़: ईटीवी भारत से बोली छात्राएं, 'बोझ नहीं, घर की लक्ष्मी होती हैं बेटियां' - बधाई हो आपको बिटिया हुई है

यूपी के आजमगढ़ जनपद में 'बधाई हो, आपको बिटिया हुई है' कार्यक्रम का समापन हो गया. इस दौरान छात्राओं ने बताया कि हमने विद्यालय और गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया है कि बेटे और बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए. दोनों समान होते हैं. बेटियां बोझ नहीं, बल्कि घर की लक्ष्मी होती हैं.

students of azamgarh told etv bharat that girls and boys are equal
आजमगढ़ जनपद में बधाई हो आपको बिटिया हुई है कार्यक्रम का समापन.

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Published : Feb 2, 2020, 4:07 AM IST

आजमगढ़:उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई योजना 'बधाई हो आपको बिटिया हुई है' कार्यक्रम का शनिवार को आजमगढ़ जनपद में समापन हो गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश सरकार की मंत्री स्वाति सिंह भी शामिल हुईं. उन्होंने बेटियों को आगे बढ़ाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि निश्चित रूप से बेटियां हर क्षेत्र में अपना झंडा गाड़ रही हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करती छात्राएं.
'बधाई हो आपको बिटिया हुई है' कार्यक्रम में शामिल होने आई ट्रेनर रूपा मौर्या का कहना है कि इस कार्यक्रम से हम बेटियों को बहुत प्रोत्साहन मिला है. रूपा ने समाज को नसीहत देते हुए कहा कि बेटे और बेटियों में फर्क नहीं करना चाहिए और हम लोग भी स्कूल, कॉलेज और गांव में जाकर सभी लोगों को बता रहे हैं कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि लक्ष्मी हैं.

छात्रा साक्षी का कहना है कि इस अभियान के माध्यम से हम समाज को यह बताना चाहते हैं कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं. हम लोग विद्यालय और गांव में जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं और आज हर क्षेत्र में बेटियां बेटों से आगे बढ़ रही हैं, जो निश्चित रूप से बेटियों के लिए सुखद संकेत है.

छात्रा संध्या का कहना है कि हम लोगों को प्रोत्साहन मिला है और गांव-गांव जाकर हम लोग बहुत सी महिलाओं व लड़कियों को जागरूक कर रहे हैं. केंद्र और प्रदेश सरकार की बहुत सी योजनाएं ऐसी हैं, जिनका लाभ गांव की महिलाओं और लड़कियों को नहीं मिल पा रहा था. ऐसी सभी महिलाओं व लड़कियों को हम लोग गांव-गांव जाकर जागरूक कर रहे हैं

आजमगढ़ जनपद में 'बधाई हो, आपको बिटिया हुई है' कार्यक्रम का शुभारंभ 5 जनवरी को हुआ. लगभग 26 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम के माध्यम से जनपद के 501 विद्यालयों में छात्राओं को महिला हिंसा, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के बारे में जागरूक किया गया.

इस अभियान के माध्यम से एक लाख से अधिक छात्राओं को ट्रेंड करने का लक्ष्य था. इसका मुख्य उद्देश्य था कि जनपद की बड़ी संख्या में महिलाओं व लड़कियों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया जा सके, जिससे महिलाएं लड़कियां समाज की मुख्यधारा में आ सके.

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