आजमगढ़: कोविड-19 के प्रकोप को कम करने के लिए देशभर में लॉकडाउन-2 जारी है. इस मुश्किल घड़ी में इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी खाने-पीने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों में समाजसेवी और जगरूक लोग इन जानवरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद छाया अग्रवाल आवारा जानवरों को खाना खिलाने के काम में लगी हुई है. वह रोज अपने घर से चना, चोकर व पूड़ी लेकर बंदरों और गायों के बीच वितरित कर रही हैं.
आजमगढ़: बेजुबान जानवरों के लिए मसीहा बनी छाया अग्रवाल - stray animal
लॉकडाउन की इस स्थिति में न केवल इंसान के बल्कि आवारा जानवरों को भी काफी दिक्कत हो रही है. ऐसे में देश के जागरूक लोग लॉकडाउन के बावजूद इन जानवरों का पेट भर कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान समाजसेवी छाया अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन में फंसे इंसान खाने-पीने की समस्या होने पर अपनी बात कह सकते हैं, पर यह बेजुबान जानवर अपनी परेशानी किसी से कह भी नहीं सकते. इसी को देखते हुए रोज रात को बंदरों के लिए चना भिगो दिया जाता है और सुबह 4 बजे से ही पूड़ी बनानी शुरू कर दी जाती है, ताकि ये भूखे न रहें. छाया ने बताया कि दोपहर से लेकर शाम तक बंदर, गाय, कुत्ते जो भी बेजुबान जानवर दिखते हैं, इनके बीच में वितरित किया जाता है. छाया आगमगढ़ जिले के चौक की रहने वाली हैं.
कोरोना महामारी के इस घड़ी में छाया अग्रवाल द्वारा किया जा रहा यह कार्य राहनीय है. समाज के और भी लोगों को इन बेजुबान जानवरों की सेवा करने के लिए आगे आना चाहिए, जिससे इन बेजुबान जानवरों को भी भूखे पेट ना रहना पड़े.